Edited By Pardeep,Updated: 13 Jun, 2025 10:06 PM

इजराइल ने 13 जून 2025 को ईरान के खिलाफ एक अभूतपूर्व हवाई हमला किया, जिसमें 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरान के छह प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में ईरान के 104 नागरिकों की मौत हो गई और 376 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और...
इंटरनेशनल डेस्कः इजराइल ने 13 जून 2025 को ईरान के खिलाफ एक अभूतपूर्व हवाई हमला किया, जिसमें 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरान के छह प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में ईरान के 104 नागरिकों की मौत हो गई और 376 लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। मारे गए लोगों में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और अन्य वरिष्ठ कमांडर शामिल हैं ।
प्रमुख हताहत
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हुसैन सलामी: इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ
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मोहम्मद बाघेरी: ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ
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अमीर अली हाजिज़ादेह: IRGC एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर
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घोलाम अली राशिद: खातम-ए-अल-अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के कमांडर
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अली शमखानी: ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार, जो हमले में गंभीर रूप से घायल हुए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई
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फरेदून अब्बासी और मोहम्मद मेहदी तेहरांची: प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक
हमले में एक भूमिगत कमांड सेंटर को निशाना बनाया गया, जिसमें IRGC के एयरोस्पेस और ड्रोन यूनिट्स के अधिकांश नेतृत्व की मृत्यु हो गई ।
इजराइल की प्रतिक्रिया
इजराइल ने इस हमले को "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत अंजाम दिया, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य क्षमताओं को नष्ट करना था। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमले में सभी लक्ष्यों को प्राप्त किया गया है और यह अभियान अगले दो सप्ताह तक जारी रह सकता है ।
ईरान की प्रतिक्रिया
हमले के जवाब में, ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन दागे, लेकिन इजराइली रक्षा बलों (IDF) ने दावा किया कि सभी ड्रोन को मार गिराया गया और इजराइल की सीमा में एक भी ड्रोन नहीं पहुंचा ।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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भारत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और क्षेत्रीय शांति की आवश्यकता पर बल दिया ।
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संयुक्त राज्य अमेरिका: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को तत्काल समझौता करने की चेतावनी दी और कहा कि आगे की इजराइली कार्रवाई हो सकती है ।
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रूस और यूरोपीय संघ: ने संघर्ष को बढ़ाने से बचने और कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया ।
यह हमला 2024 के अक्टूबर और अप्रैल में हुए हमलों के बाद ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव का परिणाम है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमले किए थे ।
इस संघर्ष के परिणामस्वरूप, मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ गई है, और वैश्विक समुदाय शांति और स्थिरता की बहाली के लिए प्रयासरत है।