कौन है डोनाल्ड ट्रंप का गुरु? जिनके कहने पर लगाया भारत पर भारी भरकम टैरिफ

Edited By Updated: 20 Aug, 2025 06:02 AM

who is trump s guru on whose advice he imposed heavy tariffs on india

दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया की ट्रेड नीति में भूचाल ला दिया है। इस बार भी वे अपनी ‘टैरिफ डिप्लोमेसी’ के जरिए दुनिया के कई देशों को आर्थिक रूप से घेर रहे हैं।

इंटरनेशनल डेस्कः दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया की ट्रेड नीति में भूचाल ला दिया है। इस बार भी वे अपनी ‘टैरिफ डिप्लोमेसी’ के जरिए दुनिया के कई देशों को आर्थिक रूप से घेर रहे हैं। अमेरिका के पारंपरिक मित्र भारत को भी उन्होंने नहीं बख्शा—सीधे 50% का टैरिफ लगा दिया। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर यह नीति बनाता कौन है? इसके पीछे जो दिमाग है, वह है पीटर नवारो – ट्रंप के सबसे विवादित और प्रभावशाली आर्थिक सलाहकार।

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भारत पर टैरिफ लगाने की असली वजह क्या है?

ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% तक का टैरिफ इसलिए लगाया क्योंकि भारत रूस से तेल की खरीद जारी रखे हुए है। अमेरिका का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस को तेल खरीद के जरिए आर्थिक सहयोग मिल रहा है, जिससे वह युद्ध जारी रख पा रहा है। ट्रंप ने इस टैरिफ के साथ भारत को स्पष्ट रूप से चेतावनी भी दी कि अगर वह रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा तो आगे और आर्थिक दंड झेलने पड़ सकते हैं।

हालांकि आलोचक पूछते हैं: अगर यही तर्क है, तो चीन को क्यों नहीं टारगेट किया गया, जबकि वह रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है?

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टैरिफ नीति के पीछे कौन?

पीटर नवारो, जिन्हें ट्रंप का "टैरिफ गुरु" कहा जाता है, इस पूरी रणनीति के सूत्रधार हैं। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत पर 50% टैरिफ लागू करने की मुख्य भूमिका भी नवारो की ही थी। उनका मानना था कि भारत पर दबाव डालकर उसे रूस से दूरी बनाने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

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कौन हैं पीटर नवारो?

  • पीटर नवारो अर्थशास्त्री और लेखक हैं, जिन्होंने हार्वर्ड से पीएचडी की है।

  • वे यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन में पढ़ाते थे, लेकिन धीरे-धीरे एक कट्टर आर्थिक राष्ट्रवादी के रूप में पहचाने जाने लगे।

  • नवारो ने कई किताबें लिखीं, लेकिन उनकी सबसे चर्चित किताब है “Death by China” (2011) – जिसमें उन्होंने चीन पर आर्थिक आक्रामकता, करंसी मैनिपुलेशन और सब्सिडी देने जैसे आरोप लगाए।

बाद में उन्होंने इसी विषय पर डॉक्यूमेंट्री भी बनाई, जिसने अमेरिका के दक्षिणपंथी राष्ट्रवादियों के बीच उन्हें लोकप्रिय बना दिया।

ट्रंप से जुड़ने की कहानी

  • ट्रंप के दामाद जैरेड कुशनर ने नवारो की किताब पढ़ी और उनसे संपर्क किया।

  • ट्रंप के चुनाव प्रचार में नवारो शामिल हुए और जल्द ही उन्हें व्हाइट हाउस में चीफ ट्रेड एडवाइजर बना दिया गया।

  • उन्होंने 'अमेरिका फर्स्ट' नीति की रणनीतिक रूपरेखा तैयार की, और टैरिफ वॉर में सबसे अहम भूमिका निभाई।

नवारो के विवाद

  • 2018 में उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए कहा कि “ऐसे नेताओं के लिए नरक में एक खास जगह है।”

  • आलोचकों का कहना है कि नवारो का शोध एकतरफा और राजनीतिक है, और वह अकादमिक दुनिया में गंभीरता से नहीं लिए जाते।

  • उनके काम को कई बार अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्रियों ने 'आक्रामक राष्ट्रवाद' और 'आर्थिक अलगाववाद' करार दिया है।

भारत पर टैरिफ का असर क्या हो सकता है?

  • भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात महंगा हो जाएगा, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान होगा।

  • खासकर टेक्सटाइल, फार्मा, जेम्स-ज्वैलरी और ऑटो पार्ट्स सेक्टर पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है।

  • दूसरी ओर, यह भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करे।

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