रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा: स्त्री या पुरुष...आखिर कौन सोता है सबसे ज्यादा? विज्ञान ने बताया चौंकाने वाला वजह

Edited By Updated: 01 Dec, 2025 01:32 PM

who sleeps the most women or men science has revealed a surprising reason

नींद सिर्फ आराम का समय नहीं, बल्कि दिमाग और शरीर की मरम्मत का सबसे ज़रूरी चरण है। लेकिन जब वैज्ञानिक नींद से जुड़े आंकड़ों को देखते हैं, तो एक रोचक तथ्य सामने आता है। क्या सच में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा सोती हैं? और अगर हां, तो आखिर वजह क्या...

नेशनल डेस्क: नींद सिर्फ आराम का समय नहीं, बल्कि दिमाग और शरीर की मरम्मत का सबसे ज़रूरी चरण है। लेकिन जब वैज्ञानिक नींद से जुड़े आंकड़ों को देखते हैं, तो एक रोचक तथ्य सामने आता है। क्या सच में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा सोती हैं? और अगर हां, तो आखिर वजह क्या है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

सोते समय शरीर के अंदर क्या चलता है?
हमारा शरीर दिन भर की थकान, तनाव और मानसिक दबाव से जूझता है। रात होते ही दिमाग और शरीर एक तरह से खुद को रीस्टार्ट करते हैं—
➤ दिमाग सेल्स की सफाई करता है
➤ ग्रोथ हार्मोन सक्रिय होते हैं
➤ शरीर खुद की मरम्मत करता है
➤ ऊर्जा वापस भरती है
➤ इसलिए नींद सिर्फ आराम नहीं, बल्कि आपकी पूरी बॉडी का "रिपेयर टाइम" है।


कौन सोता है ज्यादा वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
एक बड़ा सवाल यह है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक नींद की जरूरत क्यों पड़ती है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स और कई शोध बताते हैं कि इसका जवाब ‘हां’ है।


कारण बेहद दिलचस्प हैं:
➤ महिलाएं दिनभर में ज्यादा मानसिक ऊर्जा खर्च करती हैं।
➤ घर, काम, परिवार, मल्टीटास्किंग इन सबका बोझ दिमाग पर अधिक रहता है।
➤ महिला मस्तिष्क एक साथ कई काम संभालता है।


इसी वजह से दिमाग को रिकवरी के लिए अधिक समय चाहिए।
ड्यूक यूनिवर्सिटी और नेशनल स्लीप फाउंडेशन की एक संयुक्त स्टडी में पाया गया कि महिलाओं का ब्रेन औसतन पुरुषों से ज्यादा एक्टिव रहता है, इसलिए उसे नींद के दौरान अधिक रिपेयर टाइम चाहिए।
➤ किस उम्र में महिलाओं को ज्यादा नींद की आवश्यकता पड़ती है?
➤ शोध में यह बात सामने आई है कि 30 से 60 वर्ष की महिलाएं पुरुषों की तुलना में करीब 30 मिनट अधिक बिस्तर में रहती हैं।
➤ यह केवल ज्यादा सोने का समय नहीं, बल्कि मानसिक रिकवरी का "गोल्डन टाइम" होता है।


जिम्मेदारियां बढ़ने के साथ—
➤ मल्टीटास्किंग बढ़ती है
➤ मानसिक दबाव बढ़ता है
➤ और नींद की जरूरत भी बढ़ जाती है
➤ इसलिए उम्र के साथ यह अंतर और ज्यादा स्पष्ट हो जाता है।
➤ नींद की कमी का असर महिलाओं बनाम पुरुष


महिलाओं में:
➤ नींद की कमी से भावनात्मक असंतुलन तेजी से प्रभावित होता है
➤ एंग्जायटी और तनाव बढ़ सकता है
➤ हार्मोनल बदलाव भी जल्दी असर दिखाते हैं
➤ मूड स्विंग्स और स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं


पुरुषों में:
➤ नींद की कमी से थकान तो बढ़ती है, लेकिन दिमाग कम मल्टीटास्किंग करता है
➤ इसलिए न्यूरोलॉजिकल रिकवरी की आवश्यकता अपेक्षाकृत कम होती है
➤ पुरुषों की नींद ज्यादातर उनकी दिनचर्या और शारीरिक थकान से प्रभावित होती है

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