Breaking




क्या आपने कभी सोचा है Badrinath Dham में शंख क्यों नहीं बजते और शांत क्यों रहते हैं कुत्ते? जानें रहस्य

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 05 May, 2025 04:27 PM

why don t we blow conch shells and why don t dogs bark in badrinath dham

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए आज 4 मई 2025 को सुबह 6 बजे खुल गए हैं। भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम न सिर्फ एक पवित्र तीर्थस्थल है बल्कि कई अनसुलझे रहस्यों का खजाना...

नेशनल डेस्क। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए आज 4 मई 2025 को सुबह 6 बजे खुल गए हैं। भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम न सिर्फ एक पवित्र तीर्थस्थल है बल्कि कई अनसुलझे रहस्यों का खजाना भी है। यहां आने वाले भक्तों को दो बातें हमेशा हैरान करती हैं - इस धाम में कभी शंख नहीं बजाया जाता और न ही कभी किसी कुत्ते को भौंकते हुए सुना गया है। इन अद्भुत बातों के पीछे छिपे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या हैं आइए जानते हैं:

हालांकि यह पवित्र धाम आज भी कई अनसुलझे रहस्यों से भरा हुआ है जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मान्यता के अनुसार बद्रीनाथ धाम में शंख नहीं बजाया जाता है और यहां कुत्ते भी नहीं भौंकते हैं। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह के तर्क दिए जाते हैं। आइए इन दिलचस्प रहस्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

बद्रीनाथ में शांत क्यों रहते हैं कुत्ते?

धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु बद्रीनाथ धाम में गहरी तपस्या में लीन हैं। उनकी इस साधना में कोई विघ्न न पड़े इसलिए यहां कुत्ते नहीं भौंकते हैं। एक अन्य मान्यता यह भी है कि बद्रीनाथ में कुत्ते भगवान विष्णु के सेवक हैं और वे भौंककर उनकी तपस्या को भंग नहीं करना चाहते।

पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में नारायण ने कुत्तों को श्राप दिया था कि वे बद्रीनाथ धाम में कभी भौंक नहीं सकेंगे। यही कारण है कि यहां कभी भी कुत्तों को भौंकते हुए नहीं सुना गया है।

 

यह भी पढ़ें: शराब के नशे में पति-पत्नी बना रहे थे शारीरिक संबंध, अचानक हुआ कुछ ऐसा चली गई...

 

बद्रीनाथ में शंख की ध्वनि क्यों है वर्जित?

बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का तपस्या स्थल माना जाता है। मान्यता है कि यदि यहां शंख बजाया जाए तो उससे उनकी साधना भंग हो सकती है। इसलिए इस पवित्र स्थान पर शंख बजाना पूरी तरह से वर्जित है। एक अन्य कथा के अनुसार कहा जाता है कि बद्रीनाथ धाम के पास नागों का वास है और शंख की ध्वनि से नाग क्रोधित हो सकते हैं इसलिए भी यहां शंख नहीं बजाया जाता।

एक और दिलचस्प मान्यता यह है कि यहां बादल तो बहुत गरजते हैं लेकिन कभी बरसते नहीं हैं क्योंकि प्रकृति स्वयं नहीं चाहती कि भगवान की तपस्या में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो।

 

यह भी पढ़ें: IPL के बीच आई बड़ी खबर, सलाखों के पीछे पहुंचा ये खिलाड़ी, पहले लड़की से किया रेप और फिर दिया धोखा

 

वैज्ञानिक मत भी है खास

वैज्ञानिकों का मानना है कि बद्रीनाथ की विशेष भौगोलिक स्थिति और पर्यावरण कुत्तों के भौंकने के लिए अनुकूल नहीं है जिसके कारण वे यहां नहीं भौंकते हैं।

सर्दियों के मौसम में बद्रीनाथ धाम में भारी बर्फबारी होती है। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि यदि इस दौरान यहां शंख बजाया जाए तो उसकी आवाज पहाड़ों से टकराकर गूंज (Echo) पैदा करेगी जिससे बर्फ में दरार आ सकती है और तूफान आने की संभावना बढ़ जाएगी। इसी वैज्ञानिक कारण से भी यहां शंख नहीं बजाया जाता है।

वहीं कहा जा सकता है कि बद्रीनाथ धाम न केवल एक पवित्र तीर्थस्थल है बल्कि यह प्रकृति और मान्यताओं के अद्भुत संगम का भी प्रतीक है जो हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

Trending Topics

IPL
Punjab Kings

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!