हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भारत के कुल कितने छात्र पढ़ते हैं? जानिए क्या है एडमिशन का प्रोसेस

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 May, 2025 04:53 PM

indian students  studies at harvard university in trouble

अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हार्वर्ड एक बार फिर विवादों में है। इस बार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।

नेशनल डेस्क: अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हार्वर्ड एक बार फिर विवादों में है। इस बार अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। हार्वर्ड पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से कथित संबंधों के आरोप लगे हैं। इसी के चलते विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है, जिससे भारत समेत कई देशों के छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।

भारतीय छात्रों पर पड़ेगा बड़ा असर

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इस समय कुल 788 भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। हर साल करीब 500 से 800 छात्र भारत से यहां पढ़ाई करने पहुंचते हैं। लेकिन अब जब अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने स्टूडेंट्स एंड एक्सचेंज विजिटर्स प्रोग्राम (SEVP) को रद्द करने की बात कही है, तो विदेशी छात्रों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। आदेश के मुताबिक, जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं उन्हें या तो दूसरी यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करना होगा या फिर 72 घंटे के भीतर अमेरिका छोड़ना पड़ेगा।

यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों की स्थिति

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कुल करीब 6,800 विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं, जो कुल छात्रों का लगभग 27 प्रतिशत हिस्सा हैं। इनमें भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, कनाडा, यूके जैसे देशों के छात्र शामिल हैं। हार्वर्ड हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पसंदीदा यूनिवर्सिटी रही है, लेकिन अब ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई से उनके सपनों पर ब्रेक लग सकता है।

हार्वर्ड में एडमिशन का पूरा प्रोसेस क्या है?

अगर कोई भारतीय छात्र हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहता है तो सबसे पहले उसे कॉमन एप्लीकेशन (Common Application) के माध्यम से आवेदन करना होता है। इसके बाद स्कोलास्टिक असेसमेंट टेस्ट (SAT) और अंग्रेजी भाषा की दक्षता के लिए IELTS या TOEFL का स्कोर देना होता है। इसके अलावा दो मजबूत रिकमेंडेशन लेटर (सिफारिश पत्र) की जरूरत होती है, जिससे छात्र को स्टूडेंट वीजा प्राप्त करने में मदद मिलती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी need-based scholarships यानी आवश्यकता आधारित छात्रवृत्ति भी देती है, जिसका लाभ विदेशी छात्र भी उठा सकते हैं।

स्कॉलरशिप और फाइनेंशियल एड

भारतीय छात्रों को हार्वर्ड की महंगी पढ़ाई के कारण आर्थिक चिंता हो सकती है, लेकिन यूनिवर्सिटी जरूरतमंद छात्रों को स्कॉलरशिप मुहैया कराती है। इसके लिए छात्रों को अपने पारिवारिक आय के दस्तावेज देने होते हैं। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर हर स्कॉलरशिप योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।

ट्रंप सरकार के आरोप और जांच

ट्रंप सरकार का आरोप है कि हार्वर्ड में यहूदी विरोधी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है और साथ ही यूनिवर्सिटी का जुड़ाव चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से है। इसी के तहत अमेरिकी सरकार ने जांच शुरू कर दी है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, विदेशी छात्रों के नए एडमिशन पर रोक लागू रहेगी।

 

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