Pakistan Nuclear Test: पाक में बार-बार क्यों आ रहे भूकंप...क्या पाकिस्तान में हुई परमाणु बम टेस्टिंग? उठे गंभीर सवाल

Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 May, 2025 02:53 PM

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हाल ही में पाकिस्तान में बार-बार महसूस किए गए भूकंप के झटकों ने केवल जमीन ही नहीं, लोगों के मन में भी हलचल पैदा कर दी है। बीते कुछ दिनों में वहां 3-4 बार भूकंप आ चुके हैं, लेकिन इन झटकों को लेकर इस बार सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म है। कई...

नेशनल डेस्क: हाल ही में पाकिस्तान में बार-बार महसूस किए गए भूकंप के झटकों ने केवल जमीन ही नहीं, लोगों के मन में भी हलचल पैदा कर दी है। बीते कुछ दिनों में वहां 3-4 बार भूकंप आ चुके हैं, लेकिन इन झटकों को लेकर इस बार सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म है। कई यूजर्स ने दावा किया कि ये झटके प्राकृतिक नहीं, बल्कि पाकिस्तान द्वारा गुपचुप तरीके से किए गए परमाणु परीक्षण का नतीजा हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने इसे इस्लामाबाद तक असर करने वाली "हाई इंटेंसिटी एक्टिविटी" बताया है।

क्या सच में हुआ है परमाणु परीक्षण?

सोशल मीडिया पर चल रहे इन दावों को लेकर आम लोगों के मन में सवाल उठने लाजमी हैं। पाकिस्तान का परमाणु इतिहास भी इन अफवाहों को हवा देता है - साल 1998 में पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के चगाई हिल्स में भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था। ऐसे परीक्षण ज़मीन के अंदर होने के कारण भूकंप जैसी तरंगें उत्पन्न करते हैं जिन्हें सीस्मोग्राफ आसानी से पकड़ लेता है। इन्हीं बिंदुओं को आधार बनाकर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के भूकंप आम भूकंप नहीं, बल्कि किसी संभावित सैन्य गतिविधि का नतीजा भी हो सकते हैं।

NCS की प्रतिक्रिया

हालांकि, इस पूरे मामले पर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के निदेशक ओ. पी. मिश्रा ने स्थिति साफ करते हुए इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि प्राकृतिक भूकंप और परमाणु विस्फोटों के बीच फर्क करना संभव है, और हालिया झटकों की प्रकृति पूरी तरह से प्राकृतिक रही है।

कैसे अलग होती है परमाणु धमाके की शॉकवेव?

परमाणु विस्फोट और भूकंप के बीच कई तकनीकी अंतर होते हैं। जब परमाणु बम फटता है, तो:

  • सबसे पहले एक तेज और चौंधियाने वाली चमक उत्पन्न होती है।

  • इसके बाद आती है शॉकवेव, जो कई सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फैलती है।

  • नज़दीकी इलाकों में यह लहर इतनी घातक होती है कि इमारतें चकनाचूर हो जाती हैं, लोगों के शरीर पर आंतरिक प्रभाव होता है — जैसे फेफड़ों को नुकसान, कानों के पर्दे फटना, और भारी रक्तस्राव।

  • कांच, ईंट, लकड़ी के टुकड़े जैसे मलबे से भी व्यापक नुकसान होता है।

 

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