Edited By Mansa Devi,Updated: 05 Sep, 2025 12:10 PM

दिल की बीमारियाँ आज के समय में एक आम समस्या बन गई हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा कहीं ज्यादा होता है। ऐसा क्यों है, इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें सिर्फ खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, बल्कि हार्मोनल और...
नेशनल डेस्क: दिल की बीमारियाँ आज के समय में एक आम समस्या बन गई हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा कहीं ज्यादा होता है। ऐसा क्यों है, इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें सिर्फ खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, बल्कि हार्मोनल और सामाजिक कारक भी शामिल हैं।
आइए जानते हैं कि डॉक्टर इस बारे में क्या कहते हैं।
➤ हार्मोनल अंतर
डॉक्टरों के मुताबिक, पुरुषों में एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen Hormone) नहीं होता है। यह हार्मोन महिलाओं को मेनोपॉज (45 की उम्र) तक दिल की बीमारियों से एक तरह से बचाता है। यही वजह है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि तब उनके शरीर में इस हार्मोन का स्तर कम हो जाता है।
➤ तनाव और जिम्मेदारी
पुरुषों की जीवनशैली अक्सर अधिक तनाव भरी होती है। नौकरी का दबाव, घर की आर्थिक जिम्मेदारी और कम नींद का सीधा असर उनके दिल पर पड़ता है। तनाव से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं जल्दी हो सकती हैं, जो हार्ट अटैक की मुख्य वजह बनती हैं।
➤ धूम्रपान और शराब की लत
पुरुषों में महिलाओं की तुलना में धूम्रपान और शराब की आदत ज्यादा देखने को मिलती है। ये दोनों आदतें दिल की नसों को कमजोर कर देती हैं और उनमें खून के थक्के (ब्लॉकेज) बनने का खतरा बढ़ाती हैं। इसी वजह से कई बार कम उम्र में भी पुरुष हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं।
➤ अनहेल्दी खान-पान और मोटापा
फास्ट फूड और तला हुआ खाना पुरुषों में ज्यादा आम है। इस तरह का अनियमित खान-पान तेजी से मोटापे (Obesity) का कारण बनता है। मोटापा खुद में ही दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है। हेल्दी डाइट और रोजाना एक्सरसाइज से इस खतरे को कम किया जा सकता है।
हार्ट अटैक से बचाव कैसे करें?
डॉक्टरों का मानना है कि पुरुष अगर कुछ बातों का ध्यान रखें तो इस खतरे से बच सकते हैं:
➤ नियमित जांच: समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराएं।
➤ आदतों में सुधार: धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
➤ स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार लें और नियमित रूप से योग या मेडिटेशन करें।