Edited By Radhika,Updated: 30 Dec, 2025 06:31 PM

देश के करोड़ों रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार घरेलू LPG सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव करने की तैयारी में है। इस कदम के पीछे का मुख्य कारण सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अमेरिकी निर्यातकों के साथ किए...
नेशनल डेस्क: देश के करोड़ों रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार घरेलू LPG सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव करने की तैयारी में है। इस कदम के पीछे का मुख्य कारण सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अमेरिकी निर्यातकों के साथ किए गए नए वार्षिक सप्लाई कांट्रैक्ट्स हैं।
क्यों हो रहा है फॉर्मूले में बदलाव?
वर्तमान में भारत में एलपीजी सब्सिडी की गणना 'सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस' (Saudi CP) के आधार पर की जाती है। यह पश्चिम एशिया से आने वाली गैस के लिए एक मानक है। हालांकि, इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने अब अमेरिका से सालाना लगभग 2.2 मिलियन मीट्रिक टन एलपीजी आयात करने का समझौता किया है।

अमेरिकी गैस के मामले में 'लॉजिस्टिक कॉस्ट' यानी परिवहन का खर्च सऊदी अरब की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है। तेल कंपनियों का तर्क है कि नए फॉर्मूले में अमेरिकी स्टैंडर्ड प्राइस और इस भारी-भरकम शिपिंग खर्च को भी शामिल किया जाना चाहिए।
आम जनता पर क्या होगा असर?
अगर सब्सिडी के फॉर्मूले में बदलाव होता है और अमेरिका से मिलने वाली गैस पर पर्याप्त छूट नहीं मिलती, तो सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। ऐसी स्थिति में सरकार सब्सिडी में कटौती कर सकती है। इससे आम नागरिकों के लिए सिलेंडर की कीमतें बढ़ सकती हैं। वहीं उज्ज्वला योजना के 10.35 करोड़ लाभार्थियों पर भी इसका असर पड़ सकता है।
ये है कीमतों की मौजूदा स्थिति
· दिल्ली में कीमत: ₹853 (सब्सिडी के साथ, 14.2 किलो)।
· उज्ज्वला सब्सिडी: लाभार्थियों को फिलहाल ₹300 की सब्सिडी मिलती है।
· कुल उपभोक्ता: देश में करीब 33 करोड़ एलपीजी यूजर्स हैं।