50% टैरिफ के बाद पटरी से उतरेगी भारत की इकॉनामी? जानिए जॉब और एक्सपोर्ट पर कितना असर होगा

Edited By Updated: 28 Aug, 2025 06:39 PM

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अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत पर 50% का नया टैरिफ लागू कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।

नेशनल डेस्क: अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत पर 50% का नया टैरिफ लागू कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। टैरिफ के बाद इस जीडीपी को लेकर अब विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत की इकॉनामी, निर्यात के अलावा नौकरियों पर भी बुरा असर हो सकता है।  

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 इन क्षेत्रों पर हो सकता है ज़्यादा प्रभाव-

अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने से भारत के 60 अरब डॉलर तक के निर्यात प्रभावित हो सकते हैं, जिससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में 70% तक की गिरावट आ सकती है। डीबीएस बैंक की सीनियर इकोनॉमिस्ट के अनुसार इस टैरिफ का असर सभी क्षेत्रों पर एक जैसा नहीं होगा। सबसे ज्यादा ऑटो कंपोनेंट, रत्न और आभूषण, दवाइयां और कपड़ा उद्योग प्रभावित होगा। ये सभी मिलकर भारत के अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात का एक बड़ा हिस्सा हैं। 

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नौकरियों और विकास पर असर

एक अन्य मुख्य अर्थशास्त्री के अनुसार भारत का अमेरिका को होने वाला 70% यानि की 55 अरब डॉलर का निर्यात अब खतरे में है। इससे देश की इकॉनामी को खतरा है। आनंद राठी ग्रुप के अन्य मुख्य अर्थशास्त्री के अनुसार इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने अनुमान लगाया कि:

  • भारत का व्यापार घाटा जीडीपी का 0.5% तक बढ़ सकता है।
  • विकास दर में 0.5% तक की गिरावट आ सकती है।
  •  20 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

इनफोमेरिक्स रेटिंग्स के चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि टैरिफ से जीडीपी ग्रोथ 0.3-0.5% तक घट सकती है। उनका मानना है कि इससे निवेशकों का भरोसा भी कम हो सकता है।

आरबीआई और एसबीआई का नजरिया

इन चिंताओं के बावजूद RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5% पर बरकरार रखा है। SBI के विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 6.8% से 7% के बीच रह सकती है, जो RBI के अनुमान से ज्यादा है। इन अनुमानों से पता चलता है कि आर्थिक एजेंसियां मान रही हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस झटके को झेलने में सक्षम है, हालांकि इसका कुछ क्षेत्रों और नौकरियों पर असर जरूर पड़ेगा।

 

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