EPF से पैसा निकालना पड़ सकता है महंगा सौदा, नौकरी बदलते समय बरतें ये सावधानियां!

Edited By Updated: 27 Aug, 2025 04:36 AM

withdrawing money from epf can be a costly deal

प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत करोड़ों कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए Employees’ Provident Fund (EPF) पर निर्भर करते हैं। यह एक दीर्घकालिक बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 12% हिस्सा हर महीने EPF खाते में...

नेशनल डेस्कः प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत करोड़ों कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए Employees’ Provident Fund (EPF) पर निर्भर करते हैं। यह एक दीर्घकालिक बचत योजना है, जिसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 12% हिस्सा हर महीने EPF खाते में जमा होता है। नियोक्ता भी इतना ही योगदान करते हैं, जिसमें से 8.33% EPS (Employee Pension Scheme) में और शेष EPF में जाता है।

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए EPFO ने EPF पर 8.25% ब्याज दर तय की है, जो बाजार के अन्य बचत विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट और PPF से अधिक है। यह ब्याज कम्पाउंडिंग के जरिए वर्षों में एक बड़ी राशि में परिवर्तित हो सकता है, जो रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।

नौकरी बदलते ही EPF निकालना क्यों है नुकसानदायक?

नौकरी बदलते समय बहुत से कर्मचारी पुराने EPF खाते से पैसा निकाल लेते हैं, जो कि एक बड़ी गलती साबित हो सकती है। ऐसा करने से दो बड़े नुकसान होते हैं:

  1. कम्पाउंडिंग का नुकसान: EPF एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है और समय के साथ इसकी ग्रोथ कम्पाउंडिंग से exponentially बढ़ती है। पैसा निकालने से यह चक्र टूट जाता है।

  2. टैक्स की मार: यदि आपने पांच साल से कम समय तक EPF में योगदान किया है और पैसा निकालते हैं, तो उस पर टीडीएस (TDS) और इनकम टैक्स लग सकता है। यह आपके रिटर्न को और भी कम कर देता है।

EPF ट्रांसफर करें, ना कि निकासी

EPFO ने नौकरी बदलने पर EPF ट्रांसफर की प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बना दिया है। अब आपको न तो पुराने ऑफिस के चक्कर लगाने की ज़रूरत है और न ही किसी लंबी पेपरवर्क की।

EPF कैसे ट्रांसफर करें? आसान स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:

  1. UAN पोर्टल पर लॉग इन करें:
    EPFO की आधिकारिक वेबसाइट https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाएं और अपने UAN (Universal Account Number) और पासवर्ड से लॉग इन करें।

  2. One Member - One EPF Account पर क्लिक करें:
    "Online Services" टैब में जाकर "One Member - One EPF Account (Transfer Request)" पर क्लिक करें।

  3. डिटेल्स की पुष्टि करें:
    आपके वर्तमान और पुराने नियोक्ता की जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी। इसे सत्यापित करें और उस नियोक्ता को चुनें जिसके माध्यम से आप ट्रांसफर को अटेस्ट कराना चाहते हैं (पुराना या नया नियोक्ता)।

  4. OTP के जरिए पुष्टि करें:
    "Get OTP" पर क्लिक करें, आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। इसे दर्ज करें और फॉर्म सबमिट करें।

  5. फॉर्म 13 को डाउनलोड और सबमिट करें:
    सबमिट के बाद, आप फॉर्म 13 को डाउनलोड कर सकते हैं। यदि आवश्यकता हो, तो इसे प्रिंट कर हस्ताक्षरित कर नियोक्ता को जमा करें।

  6. स्टेटस ट्रैक करें:
    ट्रांसफर का स्टेटस आप पोर्टल पर लॉग इन करके या SMS के माध्यम से ट्रैक कर सकते हैं। आमतौर पर यह प्रक्रिया 2 से 3 हफ्तों में पूरी हो जाती है।

किन बातों का रखें ध्यान?

  • 6 महीने के भीतर ट्रांसफर करें: विशेषज्ञों का सुझाव है कि नई नौकरी जॉइन करने के 6 महीने के भीतर EPF ट्रांसफर करवा लेना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कत ना आए।

  • सैलरी स्लिप और PF नंबर सुरक्षित रखें: हर महीने की सैलरी स्लिप और पुराने PF नंबर का रिकॉर्ड रखें, ताकि ट्रांसफर प्रक्रिया में कोई अड़चन ना आए।

  • EPS की पात्रता: अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹15,000 से कम है, तो आप EPS के भी पात्र होते हैं, जिसमें रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन मिलती है।

EPF से जुड़ी अन्य सुविधाएं और फायदे

  • COVID-19 जैसे आपातकाल में आंशिक निकासी की सुविधा

  • ई-नॉमिनेशन का विकल्प, जिससे मृत्यु के बाद नॉमिनी को पैसा ट्रांसफर किया जा सके

  • SMS/UMANG App/EPFO Portal से बैलेंस और स्टेटस चेक कर सकते हैं

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