WSO ने भारतीय कूटनीतिज्ञों पर जताई चिंता, कनाडा सरकार से मांगा स्पष्ट आश्वासन

Edited By Updated: 29 Aug, 2025 11:51 AM

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कनाडा और भारत ने अपने नए उच्चायुक्तों (High Commissioners) की नियुक्ति की है, जिसके बाद वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन ऑफ कनाडा (WSO) ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। कनाडा ने क्रिस्टोफर कूटर को भारत के लिए नया उच्चायुक्त नियुक्त किया है, जबकि भारत ने दीनश के....

नेशनल डेस्क:  वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ कनाडा (WSO) ने कनाडा और भारत द्वारा नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति के बाद चिंता व्यक्त की है। कनाडा ने क्रिस्टोफर कूटर को भारत के लिए अपना नया उच्चायुक्त नियुक्त किया है, जबकि भारत ने दिनेश के. पटनााइक को कनाडा का नया उच्चायुक्त बनाया है।

WSO ने कनाडा सरकार से स्पष्ट आश्वासन मांगा है कि नए नियुक्त भारतीय कूटनीतिज्ञों का किसी खुफिया या पुलिस सेवा से कोई संबंध नहीं होगा, वे कनाडा में जासूसी या अपराधी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे और कनाडाई कानून के तहत जिम्मेदार ठहराए जाएंगे।

RCMP का कहना- भारतीय अधिकारियों और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच संबंध पाए गए
यह घोषणा पिछले साल अक्टूबर 2024 में कनाडा द्वारा भारतीय उच्चायुक्त और 5 अन्य कूटनीतिज्ञों को देश से निष्कासित करने के बाद आई है। RCMP (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) के अनुसार, उन कूटनीतिज्ञों का लिंक अवैध गतिविधियों और ट्रांसनेशनल दमन से था, जिसमें भारत सरकार के एजेंटों और आपराधिक गुटों के बीच सहयोग शामिल था। खासतौर पर, भारतीय अधिकारियों और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच संबंध पाए गए हैं, जो कनाडा में शूटिंग, हत्या, आगजनी और जबरन वसूली जैसी हिंसक गतिविधियों में लिप्त है।

बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग
कनाडा के बी.सी., अल्बर्टा और ओंटारियो प्रांतों में बिश्नोई गैंग की हिंसा में असामान्य वृद्धि हुई है, जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया है। सरे और ब्रैम्पटन के मेयर, ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा के प्रीमियर, और कनाडा की कंज़र्वेटिव पार्टी ने बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है। इस कदम से कनाडाई अधिकारी गैंग के फंड को जब्त कर सकेंगे और आतंकवाद से जुड़ी कार्रवाई कर सकेंगे।

WSO के अध्यक्ष डेनिश सिंह ने कहा, डिप्लोमैटिक संबंधों का सुधार भले ही जरूरी हो, लेकिन यह भूलने का कारण नहीं होना चाहिए। अभी कुछ ही महीने पहले कनाडा ने छह भारतीय कूटनीतिज्ञों को देश से निकाला था, जिनके खिलाफ अपराध से जुड़े आरोप थे। हमें स्पष्ट आश्वासन चाहिए कि नए भारतीय कूटनीतिज्ञ पुलिस या खुफिया एजेंसियों से नहीं होंगे, वे किसी भी अपराध या दमन में शामिल नहीं होंगे, और वे कनाडाई अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग करेंगे। साथ ही, भारत से उम्मीद है कि वह भई हरदीप सिंह निझ्जर और अन्य सिखों की हत्या की जांच में भी सहयोग करेगा।

 

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