Edited By Shubham Anand,Updated: 25 Jul, 2025 08:29 PM

देश में युवाओं की अचानक मौत और हृदयाघात (Heart Attack) के बढ़ते मामलों को लेकर लोकसभा में शुक्रवार को गंभीर चिंता जताई गई। इस संबंध में शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद गणपत सावंत और संजय उत्तमराव देशमुख ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा...
नेशनल डेस्क: देश में युवाओं की अचानक मौत और हृदयाघात (Heart Attack) के बढ़ते मामलों को लेकर लोकसभा में शुक्रवार को गंभीर चिंता जताई गई। इस संबंध में शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद गणपत सावंत और संजय उत्तमराव देशमुख ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा से कई सवाल पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि क्या देश में बीते पांच वर्षों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है, और अगर हां, तो इसके पीछे क्या कारण हैं? साथ ही यह भी पूछा गया कि क्या सरकार ने इस विषय पर कोई अध्ययन कराया है और क्या ग्रामीण वंचित वर्गों के लिए कोई विशेष सुविधा या जनजागरूकता अभियान चलाया गया है?
वैक्सीनेशन से नहीं बढ़ी युवाओं में अचानक मौत का खतरा
इन सवालों के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा कराई गई दो अहम वैज्ञानिक स्टडीज का हवाला दिया। जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन की वजह से युवाओं में अचानक मौत होने का कोई जोखिम नहीं बढ़ा है। ICMR के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) द्वारा की गई एक मल्टीसेंटर केस-कंट्रोल स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आया है।
इस अध्ययन में 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों से 18-45 वर्ष की उम्र के 729 अचानक हुई मौतों के मामलों और 2916 नियंत्रण समूह (स्वस्थ व्यक्तियों) को शामिल किया गया। अध्ययन में यह पाया गया कि कोविड वैक्सीनेशन की दोनों खुराक लेने से मृत्यु की संभावना कम हो गई। वहीं, जिन लोगों को पहले कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, जिनके परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास था, जिन्होंने हाल ही में शराब या ड्रग्स का सेवन किया था, या अत्यधिक शारीरिक गतिविधि की थी — उनमें अचानक मौत का खतरा अधिक पाया गया।
कोविड वैक्सीन सुरक्षा देती है, खतरा नहीं बढ़ाती: सरकार
जेपी नड्डा ने अपने लिखित उत्तर में कहा, “कोविड वैक्सीनेशन मौत का कारण नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन असंतुलित जीवनशैली और पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियां जोखिम को जरूर बढ़ाती हैं।”
युवाओं में हार्ट अटैक के मुख्य कारण
उन्होंने यह भी बताया कि ICMR और एम्स, नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही एक अन्य स्टडी — “Establishing the cause in sudden unexplained deaths in young” — के प्रारंभिक निष्कर्षों में सामने आया है कि हार्ट अटैक (Myocardial Infarction) अब भी युवाओं में अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है। इस स्टडी के अनुसार, कोविड महामारी से पहले और बाद में युवाओं की मौत के कारणों के पैटर्न में कोई खास बदलाव नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार इस मुद्दे पर जनजागरूकता बढ़ाने और विशेष रूप से ग्रामीण व वंचित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है। हालांकि इस विषय में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई, लेकिन संकेत दिया गया कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।