Edited By Pardeep,Updated: 29 Dec, 2023 11:06 PM
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार शनिवार को होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नवनियुक्त मंत्री अपराह्न साढ़े तीन बजे राजभवन में एक समारोह में शपथ लेंगे।
जयपुरः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार शनिवार को होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नवनियुक्त मंत्री अपराह्न साढ़े तीन बजे राजभवन में एक समारोह में शपथ लेंगे। राज्यपाल कलराज मिश्र मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां राजभवन में पहले से ही हो चुकी हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडल विस्तार से पहले पार्टी आलाकमान से मिलने दिल्ली गए हैं।
राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ। इसका परिणाम तीन दिसंबर को आया जिसमें भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। भाजपा के भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
इनको मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में युवा के साथ ही अनुभवी विधायकों को भी जगह मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों के लिए संभावितों में बाबा बालकनाथ, शैलेश सिंह, नौक्षम चौधरी, संदीप शर्मा, जवाहर सिंह बेदाम और महंत प्रताप पुरी शामिल हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने हाल ही में दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य से मुलाकात की थी और माना जाता है कि उन्होंने उनके साथ मंत्रिमंडल विस्तार से संबंधित मामलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री और उनके दो उपमुख्यमंत्री क्योंकि जयपुर जिले के निर्वाचन क्षेत्रों से विधायक के रूप में चुने गए थे, इसलिए उम्मीद है कि मंत्री राज्य के अन्य हिस्सों से होंगे।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं दीया कुमारी विद्याधर नगर और प्रेम चंद बैरवा दूदू से विधायक हैं। सूत्रों ने बताया, "रणनीति मंत्रिमंडल में जातियों और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व के बीच संतुलन बनाए रखने की होगी। संभावना है कि ज्यादातर मंत्री 40-55 वर्ष की आयु वर्ग के होंगे।" पार्टी सूत्रों ने बताया, "यह एक ऊर्जावान टीम होगी। जब से भजन लाल शर्मा को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है, तब से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह है, जो मानते हैं कि एक समर्पित कार्यकर्ता को उच्च पद पर पहुंचाया जा सकता है।"