दिल्ली पुलिस शिविंदर के खिलाफ जांच 15 दिसंबर तक पूरी करेः न्यायालय

Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Dec, 2021 04:30 PM

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नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को धनशोधन मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह के खिलाफ चल रही जांच को 15 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया।

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को धनशोधन मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह के खिलाफ चल रही जांच को 15 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की अगुआई वाली पीठ ने दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज से कहा कि पुलिस आरोपी के खिलाफ जारी जांच को दिए गए समय के भीतर पूरी करे।

शिविंदर पर रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के 2,397 करोड़ रुपये के फंड में गड़बड़ी का आरोप है।
इससे पहले नटराज ने कहा कि जांच आगे बढ़ चुकी है और इस महीने के अंत तक इसे पूरा करने का वक्त पुलिस को दिया जाए। लेकिन शीर्ष अदालत ने पुलिस को ज्यादा समय देने का अनुरोध ठुकराते हुए कहा कि वह इस पर 15 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी।

पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा, "हमने इस मामले को लंबित रखा और अब आप फिर से वक्त मांग रहे हैं। आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपको किसी का पक्ष नहीं लेना चाहिए। आपको एक निष्पक्ष जांच करने की जरूरत है। हम इससे परेशान नहीं हैं कि किसने पैसे लिए हैं? आपराधिक मामलों में जांच एजेंसियों को तटस्थ रहना होता है। हम इसमें भी यही चाहते हैं।"
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता आरएफएल के मनप्रीत सूरी के वकील आर बसंत ने आरोप लगाया कि गवाहों को चुप कराने के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं लिहाजा याचिकाकर्ता को जमानत देना खतरनाक हो सकता है।

इस पर मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली पीठ ने कहा, "अगर आपका मुवक्किल इस पर प्राथमिकी दर्ज करना चाहते हैं तो उन्हें करने दें। हमें इससे कोई मतलब नहीं है।"
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि वह जमानत की अर्जी पर सुनवाई कर रही है और उसे इसी पर फैसला लेना है। पीठ ने कहा, "इस मामले को बढ़ाने की कोशिश न करें। यह सिर्फ जमानत का एक मामला है।"
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मई में शिविंदर सिंह की जमानत निरस्त करते हुए कहा था कि साजिश के खुलासे के लिए उन्हें हिरासत में रखना जरूरी है। दिल्ली पुलिस का आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ आरएफएल के फंड के दुरुपयोग की जांच कर रहा है।



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