Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jun, 2022 09:25 PM
नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) भारत ने मंगलवार को विश्व समुदाय को आश्वासन दिया कि वह 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि और महासागर के संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते के लिए प्रतिबद्ध है।
नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) भारत ने मंगलवार को विश्व समुदाय को आश्वासन दिया कि वह 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि और महासागर के संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते के लिए प्रतिबद्ध है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुर्तगाल के लिस्बन में संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में भारत का बयान देते हुए कहा कि ‘कान्फ्रेंस आफ पार्टीज’ के प्रस्तावों के अनुसार मिशन मोड में 30x30 लक्ष्य हासिल करने के प्रयास जारी हैं।
सिंह ने कहा कि वह यहां संयुक्त राष्ट्र के मंच पर दुनिया के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्र और समुद्री संसाधनों के संरक्षण और उसे बनाए रखने के दृष्टिकोण को पेश करने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने समुद्री और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र, मैंग्रोव और प्रवाल भित्तियों की रक्षा के लिए कई पहल, कार्यक्रम और नीतिगत हस्तक्षेप किए हैं।
भारत ‘हाई एंबीशन कोएलिशन फॉर नेशन एंड पीपल’ में शामिल हुआ है जिसे पिछले साल जनवरी में पेरिस में 'वन प्लैनेट समिट' में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य 2030 तक दुनिया की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि और महासागर की रक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते को बढ़ावा देना है।
सिंह ने कहा कि भारत 'तटीय स्वच्छ समुद्र अभियान' के लिए प्रतिबद्ध है और घोषणा की है कि वह जल्द ही एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक प्लास्टिक बैग को समाप्त करना और कपास या जूट के कपड़े के थैलों के उपयोग जैसे विकल्पों को बढ़ावा देना है।’’
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय नीति तैयार करने के एक हिस्से के रूप में विभिन्न तटीय जल और समुद्र तटों में समुद्री कूड़े पर वैज्ञानिक डेटा और जानकारी एकत्र करने का शोध पहले ही शुरू हो चुका है।
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