गूगल के पूर्व अधिकारी की चौंकाने वाली भविष्यवाणी, 15 साल में AI दिखा देगा 'नरक’, जिसका अंत सोच से भी होगा परे...

Edited By Updated: 07 Aug, 2025 08:13 AM

ai to unleash digital nightmare from 2027 warns former google executive

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने जहां इंसानों के कई काम आसान कर दिए हैं वहीं अब इसके खतरनाक पक्ष पर भी चर्चा शुरू हो गई है। गूगल के पूर्व एग्जीक्यूटिव Mo Gawdat ने AI को लेकर जो भविष्यवाणी की है वह डराने वाली है। उनका कहना है कि 2027 से शुरू होकर...

नेशनल डेस्क: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने जहां इंसानों के कई काम आसान कर दिए हैं वहीं अब इसके खतरनाक पक्ष पर भी चर्चा शुरू हो गई है। गूगल के पूर्व एग्जीक्यूटिव Mo Gawdat ने AI को लेकर जो भविष्यवाणी की है वह डराने वाली है। उनका कहना है कि 2027 से शुरू होकर आने वाले 15 साल AI इंसानियत के लिए बहुत मुश्किल भरे होंगे।

AI छीन लेगा नौकरियां, जॉब मार्केट पर भारी संकट

Mo Gawdat ने बताया कि AI सबसे पहले व्हाइट कॉलर जॉब्स को खत्म करेगा। यानी डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर जैसे प्रोफेशनल्स की नौकरियां खतरे में आ सकती हैं। अब तक माना जाता था कि सिर्फ मशीन ऑपरेटर जैसे काम AI से प्रभावित होंगे लेकिन अब AI सोचने और फैसले लेने वाले कामों में भी इंसानों को रिप्लेस कर रहा है। उनकी अपनी AI स्टार्टअप Emma.love, जो रिलेशनशिप और इमोशनल इंटेलिजेंस पर आधारित है, पहले 350 लोगों से चलती थी लेकिन अब सिर्फ 3 लोग इसे चला रहे हैं — बाकी सब AI कर रहा है।

AI का फायदा सिर्फ अमीरों को, गरीबों और मिडिल क्लास की बढ़ेगी परेशानी

Mo Gawdat ने चेतावनी दी कि AI का फायदा सिर्फ कुछ अमीर और ताकतवर लोग ही उठा पाएंगे। आम लोगों की नौकरियां खत्म होंगी और इससे समाज में आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे मिडिल क्लास खत्म हो जाएगा। जिसका मतलब होगा कि लोग या तो बहुत अमीर होंगे या फिर आर्थिक रूप से बहुत कमजोर। इस असंतुलन से समाज में तनाव, अकेलापन और मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ेगा।

साल 2027 से शुरू होगा ‘डिजिटल नरक’

Gawdat के मुताबिक, साल 2027 से एक ऐसा दौर शुरू होगा जिसे वे ‘डिजिटल नरक’ कहते हैं। इस दौरान इंसान अपनी नौकरी ही नहीं बल्की अपनी पहचान और जीवन का उद्देश्य भी खो सकता है। लोग AI पर इतना निर्भर हो जाएंगे कि रोजमर्रा के साधारण निर्णय भी खुद नहीं ले पाएंगे। यह स्थिति समाज को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से तोड़ सकती है।

साल 2040 के बाद मिलेगा समाधान, बुरे दौर के बाद आएगा 'स्वर्ग'

हालांकि इस डरावनी तस्वीर के बीच कुछ उम्मीद भी है। Mo Gawdat का मानना है कि 2040 के बाद AI इंसानों के लिए राहत बन सकता है। वह समय ऐसा होगा जब इंसान रिपिटेटिव और बोरिंग कामों से मुक्त होगा और ज्यादा समय सृजनात्मक और संबंधों में खर्च कर सकेगा। उन्होंने कहा कि अगर अभी की सरकारें, संस्थाएं और समाज सही निर्णय लें तो हम इस बदलाव को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं।

समाधान क्या है?

  • सरकारों को चाहिए कि वे AI से जुड़े कानून बनाएं।

  • कंपनियों को चाहिए कि वे AI के साथ-साथ इंसानी टैलेंट को भी बनाए रखें।

  • शिक्षा व्यवस्था को AI-फ्रेंडली लेकिन ह्यूमन सेंट्रिक बनाना होगा।

  • लोगों को नई स्किल्स सीखने और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है।

 

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