AI का हमला! क्या इंसानी इन्फ्लुएंसरों की होने वाली है छुट्टी?

Edited By Updated: 06 Dec, 2025 08:48 PM

ai creators vs human influencers future of influencer economy

AI आधारित “क्रिएटर” तेजी से सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर मार्केट को बदल रहे हैं। ये वर्चुअल इन्फ्लुएंसर 24/7 कंटेंट बना सकते हैं, कंपनियों के लिए सस्ते और नियंत्रित विकल्प साबित हो रहे हैं। हालांकि इनमें भावनात्मक बुद्धिमत्ता, प्रामाणिकता और मानव...

नेशनल डेस्क : द वर्ज (The Verge) की एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाले "क्रिएटर" सोशल मीडिया और कंटेंट क्रिएशन की दुनिया में तूफान मचा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या ये AI 'क्रिएटर' मौजूदा इन्फ्लुएंसर इकोनॉमी को पूरी तरह से पलट सकते हैं? क्या इंसानी इन्फ्लुएंसरों को अपनी नौकरी खोने का डर सता रहा है? आइए, इस नई तकनीक के बारे में गहराई से जानते हैं और देखते हैं कि यह भविष्य में क्या बदलाव ला सकती है।

AI क्रिएटर क्या हैं?
AI क्रिएटर ऐसे वर्चुअल किरदार हैं जिन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। ये किरदार टेक्स्ट, इमेज, और वीडियो कंटेंट बनाने में सक्षम होते हैं, और ये इंसानी इन्फ्लुएंसरों की तरह ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव रह सकते हैं। इन्हें किसी प्रोडक्ट या सर्विस का प्रचार करने, कहानियाँ सुनाने, और अपने दर्शकों के साथ बातचीत करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।

इंसानी इन्फ्लुएंसरों के मुकाबले AI क्रिएटर के फायदे

24/7 उपलब्धता: AI क्रिएटर कभी नहीं थकते। वे दिन-रात कंटेंट बना सकते हैं और अपने दर्शकों के साथ जुड़े रह सकते हैं। इंसानी इन्फ्लुएंसरों को आराम और ब्रेक की जरूरत होती है, लेकिन AI क्रिएटर लगातार काम कर सकते हैं।

कम लागत: AI क्रिएटर को वेतन, यात्रा, या अन्य खर्चों की आवश्यकता नहीं होती है। वे कंपनी के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प हो सकते हैं।

नियंत्रण: कंपनियां AI क्रिएटर के कंटेंट पर पूरा नियंत्रण रख सकती हैं। वे यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि कंटेंट ब्रांड के मूल्यों और दिशानिर्देशों के अनुरूप हो।

स्केलेबिलिटी: AI क्रिएटर को आसानी से स्केल किया जा सकता है। कंपनियां जरूरत पड़ने पर अधिक AI क्रिएटर बना सकती हैं।

इंसानी इन्फ्लुएंसरों के मुकाबले AI क्रिएटर के नुकसान

भावनात्मक बुद्धिमत्ता की कमी: AI क्रिएटर में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की कमी होती है। वे इंसानों की तरह सहानुभूति, संवेदनशीलता और रचनात्मकता प्रदर्शित नहीं कर सकते।

प्रामाणिकता की कमी:  कुछ लोगों को AI क्रिएटर अप्रामाणिक लग सकते हैं। वे इंसानी कनेक्शन और विश्वसनीयता की कमी महसूस कर सकते हैं।

तकनीकी सीमाएं: AI अभी भी विकास के अधीन है। AI क्रिएटर अभी भी गलतियाँ कर सकते हैं या अप्रत्याशित व्यवहार कर सकते हैं।

नैतिक चिंताएं: AI क्रिएटर के उपयोग से संबंधित नैतिक चिंताएं हैं, जैसे कि क्या वे उपभोक्ताओं को धोखा दे रहे हैं या नकली पहचान का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इन्फ्लुएंसर इकोनॉमी पर प्रभाव

अगर AI क्रिएटर लोकप्रिय हो जाते हैं, तो वे इन्फ्लुएंसर इकोनॉमी को कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं।

नौकरियों का नुकसान: इंसानी इन्फ्लुएंसरों को अपनी नौकरी खोने का खतरा हो सकता है। कंपनियां AI क्रिएटर को सस्ते और अधिक कुशल विकल्प के रूप में देख सकती हैं।

बाजार में बदलाव: इन्फ्लुएंसर इकोनॉमी में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। इंसानी इन्फ्लुएंसरों को AI क्रिएटर के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी रचनात्मकता और प्रामाणिकता को बढ़ाना होगा।

नियमों में बदलाव: सरकारों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को AI क्रिएटर के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए नए नियम और कानून बनाने की आवश्यकता हो सकती है।

विज्ञापन पर प्रभाव: विज्ञापन कंपनियां AI क्रिएटर का उपयोग अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रचार करने के लिए कर सकती हैं। इससे पारंपरिक विज्ञापन के तरीकों में बदलाव आ सकता है।

भविष्य की राह
यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में AI क्रिएटर कितने लोकप्रिय होंगे। यह तकनीक अभी भी विकास के अधीन है, और यह देखना बाकी है कि क्या लोग AI क्रिएटर को इंसानी इन्फ्लुएंसरों के विकल्प के रूप में स्वीकार करेंगे। हालांकि, यह स्पष्ट है कि AI क्रिएटर में इन्फ्लुएंसर इकोनॉमी को बदलने की क्षमता है।

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