Edited By Shubham Anand,Updated: 18 Nov, 2025 09:37 PM

युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 25 से 40 वर्ष के लोग लाइफस्टाइल, तनाव, व्यायाम की कमी, खराब खानपान और नींद की गड़बड़ी के चलते जोखिम में हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कई मरीजों में पारंपरिक जोखिम कारक भी नहीं मिलते।...
नेशनल डेस्क : आज के समय में 25 से 40 वर्ष की उम्र के युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रवृत्ति पुराने समय की तुलना में चिंताजनक रूप से अधिक है। बदलती लाइफस्टाइल, लंबे समय तक बैठे रहना, मोबाइल और कंप्यूटर का अत्यधिक उपयोग, तनाव, खराब खानपान और नींद की कमी प्रमुख कारणों के रूप में सामने आए हैं।
लाइफस्टाइल बनी सबसे बड़ी वजह
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि युवाओं में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण है शारीरिक गतिविधि की कमी और अनियमित दिनचर्या। इसके साथ ही धूम्रपान, शराब का सेवन, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज़ जैसे स्वास्थ्य जोखिम भी दिल पर दबाव बढ़ाते हैं। युवाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कई बार सामान्य से अलग दिखते हैं जैसे हल्का सीने में दर्द, थकान, पसीना आना या चक्कर जिससे बीमारी पहचानने में देर हो जाती है।
डॉक्टर्स क्या कहते हैं?
डॉ. राजाराम आनंदरमन के मुताबिक, 40 वर्ष से कम उम्र के करीब 40% हार्ट अटैक मरीजों में कोई पारंपरिक जोखिम कारक नहीं मिलते। वे बताते हैं कि शरीर की कम गतिविधि सीधे हृदय को प्रभावित करती है। डॉ. मोहसिन वली का कहना है कि पूरी नींद, तनाव पर नियंत्रण और नियमित व्यायाम ही असली “दवाएं” हैं जिनसे दिल की सुरक्षा होती है।
डॉ. रजनीश कपूर का मानना है कि डायबिटीज़ हार्ट डिज़ीज़ को और जटिल बना देती है, इसलिए लाइफस्टाइल में सुधार अनिवार्य है। वहीं, डॉ. नाकुल सिन्हा अनावश्यक स्क्रीनिंग और गलत रिपोर्ट्स से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे मानसिक तनाव बढ़ता है।
हार्ट अटैक से कैसे बचें ?
विशेषज्ञों के अनुसार, युवाओं को रोजाना व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और तनाव कम करने की आदतें अपनानी चाहिए। खुश रहने की आदत और नियमित चलना-फिरना हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।