भगवान की खुशी के लिए अपनाएं भोजन का यह तरीका, ग्रह दोषों का होगा नाश

Edited By ,Updated: 08 Jul, 2016 02:33 PM

how to eat food

वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन सदैव पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करते हुए ही करना चाहिए। चूंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है इसलिए

वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन सदैव पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुख करते हुए ही करना चाहिए। चूंकि दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है इसलिए इस दिशा की ओर मुख करके भोजन करना दोषपूर्ण है, इससे किया गया भोजन तन और मन दोनों को दूषित करता है तथा शक्ति का क्षय करता है। 

 

अथर्ववेद के अनुसार भोजन हमेशा भगवान को अर्पित करने के बाद ही करना चाहिए। भोजन करने से पूर्व हाथ व पैरों को स्वच्छ जल से अवश्य धो लेना चाहिए। भोजन करते समय मन को प्रसन्न और शांत रखना उचित माना जाता है। भोजन करने के दौरान क्रोध, लोभ, मोह तथा काम का चिंतन करने से किया गया भोजन शरीर को लाभ के बजाय नुक्सान ही पहुंचाता है। 

 

भोजन करने से पूर्व गौ ग्रास निकालने, भूखे व्यक्ति के आ जाने पर उसे भोजन कराने, अन्न का दान करने, जीव-जंतुओं को दाना-पानी देने और भोजन के समय भगवान का चिंतन करने एवं उनका नाम जपते हुए संतुष्ट भाव से भोजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं तथा ग्रह दोषों का शमन होता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!