Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 10:10 AM
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए काफी समय बाद एक अच्छी खबर आई है। दरअसल विदेशी समूह निवेशकों ने भारत में इस माह 3 बिलियन डॉलर (करीब 18,000 करोड़ रुपए) भारत के कैपिटल मार्कीट
नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए काफी समय बाद एक अच्छी खबर आई है। दरअसल विदेशी समूह निवेशकों ने भारत में इस माह 3 बिलियन डॉलर (करीब 18,000 करोड़ रुपए) भारत के कैपिटल मार्कीट में निवेश किया है। इस निवेश के पीछे का कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत होकर उभरने की उम्मीद है जो जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवाकर) जैसे कदम के बाद कुछ धीमी हो गई थी।
कैपिटल मार्केट से विदेशी समूह निवेशकों द्वारा करीब साढ़े 3000 करोड़ रुपए दिसम्बर माह में बाहर निकाल लिए जाने के बाद अंतर्प्रवाह में यह तेजी आई है। वहीं इस बारे में बाजार के जानकारों का कहना है कि विदेशी समूह निवेशकों द्वारा किए गए इस निवेश का असर ही है कि पिछले कुछ हफ्तों में सैंसेक्स व निफ्टी में काफी तेजी देखी गई है। इसने न केवल ऊंचाई हासिल की बल्कि कई रिकॉर्ड भी बनाए। आंकड़ों की बात करें तो विदेशी समूह निवेशकों ने 1 से 25 जनवरी के बीच 11,759 रुपए स्टॉक मार्कीट में और 6,127 करोड़ रुपए कर्ज में निवेश किए हैं।
वहीं अगर वर्ष 2017 की बात करें विदेशी समूह निवेशकों ने कुल करीब 2 लाख करोड़ रुपए भारत में निवेश किए हैं। यह इक्विटी व डैब्ट मार्कीट में है। मौजूदा माह में निवेश का यह अंतप्र्रवाह न केवल वर्तमान अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी है बल्कि आने वाले समय में यह और भी अधिक निवेशकों को प्रोत्साहित कर सकता है। इसके अलावा विदेशी समूह निवेशकों के इस कदम से भारत की विदेश मुद्रा की आरक्षित निधियों में भी इजाफा किया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक यह 19 जनवरी तक यह 414.784 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है। आर.बी.आई. की मानें तो इसमें अभी और इजाफा होने की पूरी उम्मीद है। इससे पहले 8 सितम्बर 2017 को इसने रिकॉर्ड स्तर को छुआ था। इस तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि इससे रुपए की स्थिति में इजाफा होगा और आयात किए जाने वाले सामान की कीमतों में कमी आएगी। इसका खासा असर क्रूड ऑयल पर पड़ सकता है जो देश के लिए लाभकारी होगा