Edited By ,Updated: 05 Mar, 2023 04:51 AM

इन दिनों बिहार के कलाकारों के गाए हुए विभिन्न जातियों पर टिप्पणी तथा अश्लील और दोहरे अर्थ वाले भोजपुरी गीतों ने देश में हंगामा मचा रखा है जिनके वीडियो में नर्तकियों का अभद्र अंग प्रदर्शन भी जुड़ गया है।
इन दिनों बिहार के कलाकारों के गाए हुए विभिन्न जातियों पर टिप्पणी तथा अश्लील और दोहरे अर्थ वाले भोजपुरी गीतों ने देश में हंगामा मचा रखा है जिनके वीडियो में नर्तकियों का अभद्र अंग प्रदर्शन भी जुड़ गया है। इन गीतों को भोजपुरी के नए छुटभैया गायक-गायिकाएं ही नहीं, जाने-माने स्थापित गायक भी गा रहे हैं जिनके चंद उदाहरण निम्र हैं :
- एक-दो-तीन-चार, पट से दिहा उघाड़
- राति दिया बुता के, पिया क्या-क्या किया
- हमरा राजा जी दिन में न बोले, रतिया में चोली खोले
- उठिय बलम जी, तनी ढिबरी जलाई जी
- हमरा चोलिया में, अजबुल गईल बा समाई
इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने भोजपुरी गीतों में अश्लीलता और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा की है तथा सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भोजपुरी गीतों में अश्लील और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने वालों के विरुद्ध शिकायत मिलने पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि शिकायत मिलने पर यदि पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया तो दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
जहां बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गीत विशेष रूप से युवा पीढ़ी में ङ्क्षहसक प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं, वहीं अश्लील और जाति के उल्लेख वाले गीत सीधे युवाओं के चरित्र पर चोट करके उन्हें चरित्रहीनता, अनैतिक आचरण और यौन अपराधों की ओर धकेलने के साथ-साथ भोजपुरी भाषा की बदनामी का कारण भी बन रहे हैं। इस लिहाज से बिहार सरकार का फैसला सही है जिसे कठोरतापूर्वक लागू करने से युवा पीढ़ी को किसी सीमा तक पतन के गर्त में जाने से बचाया जा सकेगा। -विजय कुमार