आर्थिक क्षेत्र में पीछे फिसल रहा चीन

Edited By ,Updated: 31 Mar, 2023 05:58 AM

china slipping behind in the economic sector

चीन के अंदरखाने कुछ भी सही नहीं चल रहा है, खासकर आर्थिक क्षेत्र में। इसके पीछे की वजह यह है कि चीन का निर्यात लगभग ठप्प है, विनिर्माण चीन से बाहर जा रहा है। रियल  एस्टेट लगभग खत्म होने की कगार पर है, आटोमोटिव सैक्टर की हालत ऐसी है कि वो अंतिम सांस...

चीन के अंदरखाने कुछ भी सही नहीं चल रहा है, खासकर आर्थिक क्षेत्र में। इसके पीछे की वजह यह है कि चीन का निर्यात लगभग ठप्प है, विनिर्माण चीन से बाहर जा रहा है। रियल एस्टेट लगभग खत्म होने की कगार पर है, आटोमोटिव सैक्टर की हालत ऐसी है कि वो अंतिम सांस ले रहा है। ऐसे में रही सही कसर चीन के वित्त मंत्रालय ने पूरी कर दी। 

हाल ही में चीन के वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2023 के पहले दो महीनों का आर्थिक आंकड़ा पेश किया है जो यह बताने के लिए काफी है कि चीन की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। लेकिन सभी के मन में यह बात खटक रही है कि चीन के वित्त मंत्रालय ने इस बात को इस समय सार्वजनिक क्यों किया जबकि चीन की कम्युनिस्ट सरकार ऐसी जानकारियों को लोगों से छुपाने का काम करती है। क्या वाकई चीन की हालत खराब है या फिर इसके पीछे चीन की कोई छिपी हुई चाल है जिससे वह दुनिया का ध्यान यहां बंटाकर कुछ और योजना बना रहा है। 

इस रिपोर्ट को लेकर कई जानकार अपने तरीके से चीन की हालत का विश्लेषण करने में जुट गए हैं। इनमें आर्थिक मामले के कुछ जानकारों की राय में चीन में वर्ष 2023 के शुरूआती दो महीनों में उपभोक्ता करों में 18.4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। इसका सीधा मतलब यह है कि इस समय चीन में लोग खरीदारी करने से कतरा रहे हैं। अगर यही हाल चीन में बना रहा तो अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए सरकार को सरकारी खजाने से पैसे डालने होंगे। 

वहीं व्यक्तिगत आयकर में भी 4 प्रतिशत की कमी देखी गई है जो यह बताने के लिए काफी है। चीन में लोगों की आय में कमी आ रही है, टैरिफ में 27 प्रतिशत की कमी आई है, आयात निर्यात उपभोग करों और वैट करों में 21.6 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है। इससे साफ है कि कोरोना महामारी के बाद से चीन के आयात और निर्यात दोनों में बहुत कमी आई है। 

चीन के आटोमोटिव बाजार में भी हालात अच्छे नहीं हैं, कारों की खरीद दरों में इस वर्ष के पहले दो महीनों में 32.8 प्रतिशत की कमी देखी गई है जोकि बहुत बड़ी है, चीन के सकल घरेलू उत्पाद में रियल एस्टेट के बाद सबसे बड़ा सैक्टर आटोमोटिव सैक्टर है, इसमें कमी आने का मतलब है कि चीन की अर्थव्यवस्था का एक और अहम स्तंभ धरातल से हिलने लगा है।

चीन में इस वर्ष जनवरी और फरवरी महीने में मात्र 33 प्रतिशत वाहनों की बिक्री हुई है जो आटोमोटिव सैक्टर के हालात को बताने के लिए काफी है। इसके साथ ही शेयर बाजार के गिरने से इससे होने वाली स्टाम्प ड्यूटी में 61.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई जो यह बता रही है कि लोगों की दिलचस्पी शेयर बाजार में घट रही है क्योंकि स्टाक मार्कीट में 60 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। 

चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कम्पनी एवरग्रांडे में चीन सरकार सुधार करने वाली है। ऐसा अर्थतंत्र से जुड़े कुछ लोगों का कहना है क्योंकि अगर इस सैक्टर को चीन सरकार ने बचा लिया तो फिर चीन की अर्थव्यवस्था में कुछ तेजी नजर आ सकती है। हालांकि दो वर्ष पहले सितम्बर 2021 में शी जिनपिंग एवरग्रांडे कम्पनी के सी.ई.ओ. सूच्यायिन से बेहद नाराज चल रहे थे क्योंकि सूच्यायिन के पास अभूतपूर्व सम्पत्ति है।

शी जिनपिंग सूच्यायिन की सम्पत्ति, मकान और दूसरी वस्तुओं को सरकार की तरफ से जब्त कर उसे अपने तरीके से बनाने लगे जिसे देख कर यह लग रहा था कि शी जिनपिंग सूच्यायिन को खत्म कर देना चाहते हैं लेकिन शी जिनपिंग की यह मजबूरी है कि वो एवरग्रांडे को दोबारा खड़ा करेंगे नहीं तो इसका असर चीन के दूसरे सैक्टर पर पड़ेगा जिससे उसकी पूरी अर्थव्यवस्था खत्म हो सकती है। 

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