आर्थिक तंगी के चलते खर्चों में कटौती कर रही चीनी जनता

Edited By Updated: 19 Oct, 2022 06:53 AM

chinese people cutting expenses due to financial constraints

विश्व की दूसरी आर्थिक महाशक्ति इन दिनों बदहाली की तरफ बढ़ रही है, वहां पर हालत इतनी खराब है कि लोगों ने अपने खर्चों में कटौती करना शुरू कर दिया है, यह कटौती इस हद तक की जा रही

विश्व की दूसरी आर्थिक महाशक्ति इन दिनों बदहाली की तरफ बढ़ रही है, वहां पर हालत इतनी खराब है कि लोगों ने अपने खर्चों में कटौती करना शुरू कर दिया है, यह कटौती इस हद तक की जा रही है कि अच्छे-खासे व्हाइट कॉलर जॉब करने वाले भी कार्यालय में दोपहर का भोजन 10 युआन या 100 रुपए में या मात्र 1.50 डॉलर में खाने को मजबूर हैं। यह हालत किसी छोटे शहर की नहीं बल्कि हांगचो, शंघार्ई और बीजिंग जैसे बड़े शहरों में हो रही है। 

लोग अपने लिए ब्रांडेड कपड़े तो ज़रूर खरीद रहे हैं लेकिन सैकेंड हैंड कपड़ों के स्टोर में जा कर पर्स, घडिय़ां, कोट, कमीज पैंट खरीद रहे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि इन लोगों की पगार कम हो गई है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन लोगों को इनकी कंपनियां पहले की तुलना में बहुत कम पैसे दे रही हैं जिससे इनका गुजारा मुश्किल से चल रहा है। कम वेतन मिलने के कारण ही ये लोग अब अपने खर्चों में कटौती करने को मजबूर हैं। 

इस समय चीन में गरीब लोगों की हालत बहुत खराब है। काम बंद होने से उनकी आय के सारे साधन खत्म हो गए हैं, लॉकडाऊन ने उन्हें बहुत नुक्सान पहुंचाया है। मध्यम आय और ऊंची आय वाले लोगों के खर्चों में एक बदलाव साफ तौर पर देखा जा रहा है। इस मंदी के समय भी कुछ कंपनियां अपने लिए अवसर तलाश रही हैं, शंघाई में जैड.जैड.ई.आर. नाम की कंपनी अपने स्टोर में गूची, प्राडा, रोलैक्स, कार्टियर, शेनेल, रेबेन, ऐरो, लुई विट्टॉन, विक्टोरियाज सीक्रेट, जैसी अनेक नामी ब्रांड के जूते, चश्मे, बटुए, कपड़े, मेकअप का सामान सब कुछ सैकेंड हैंड बेच रही हैं। इनके ग्राहक भी व्हाइट कॉलर नौकरियां करने वाले लोग हैं जो अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए बड़े और नामचीन ब्रांडों के सामान अब भी खरीद रहे हैं लेकिन सिर्फ आधे दामों पर। 

जैड.जैड.ई.आर. कंपनी को वर्ष 2016 में ऑनलाइन स्टोर के तौर पर शुरू किया गया था लेकिन वर्तमान अर्थव्यवस्था के दौर में इस कंपनी ने वर्ष 2021 में अपने स्टोर शंघाई और हांगचो में भी खोले हैं, जिस तरह का रिस्पांस लोगों से इन्हें मिल रहा है उसे देखते हुए अब यह कंपनी अपने स्टोर बीजिंग, क्वांनचौ और शनछन में भी खोलना चाहती है। कंपनी के संस्थापक 33 वर्षीय चू ताईनीछी ने बताया कि एक तरफ चीन में पैसे वाले लोग अपनी महंगी वस्तुओं को इसलिए बेच रहे हैं जिससे उनके हाथ में कैश पैसा आए तो वहीं दूसरी तरफ मध्यम वर्ग इन वस्तुओं को अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए खरीद रहा है। 

चू ने बताया कि जब अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में पहुंच गई है तो ऐसे में लोग बड़े ब्रांड का सामान कम पैसों में खरीदना चाहते हैं, जब तक अर्थव्यवस्था का ऐसा हाल रहेगा लोग मेरे जैसी दुकानों से सामान खरीदते रहेंगे। अर्थव्यवस्था के गिरने से हमारे उद्योग को बहुत फायदा पहुंचा है। लोगों की दिलचस्पी चू ताईनीछी की कंपनी में इतनी बढ़ गई है कि पिछले वर्ष 2021 की तुलना में इस वर्ष अभी तक इनकी बिक्री में 40 फीसदी का इजाफा हो चुका है। इस वर्ष ये 50 लाख लग्जरी वस्तुओं को बेचने की आशा कर रहे हैं। इनके प्लेटफॉर्म के अभी तक 1 करोड़ 20 लाख लोग सदस्य बन चुके हैं। 

इस तरह की कंपनियां दुनिया की बड़ी कंपनियों के लिए एक आशा की किरण जरूर पैदा कर रही हैं क्योंकि ये बड़ी कंपनियां वैश्विक मंदी के कारण अपने बहुत सारे ग्राहकों को खो चुकी हैं, ऐसे में ये कंपनियां चीनियों की जेब के हिसाब से अपने उत्पादों को चीन में उतार सकती हैं। कंसल्टैंसी फर्म आई रिसर्च की पिछले वर्ष की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन का सैकेंड हैंड वस्तुओं का बाजार वर्ष 2025 में 30 अरब अमरीकी डॉलर तक का हो सकता है जो वर्ष 2020 में मात्र 8 अरब डॉलर का था। चीन में सैकेंड हैंड वस्तुओं के दूसरे विक्रेता फे.ई.यू., पोनहू और प्लम जैसी कंपनियां हैं, ये कंपनियां भी बाजार में कूद पड़ी हैं। कभी चीन के लोग दुनिया के सबसे महंगे ब्रांड के उत्पादों को सबसे पहले खरीदा करते थे लेकिन आॢथक बदहाली ने चीन का ऐसा हाल कर दिया कि अब वह सैकेंड हैंड वस्तुओं को खरीदने पर मजबूर हैं। 

वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की शुरूआत में हांगचो जैसे महंगे शहर में व्हाइट कॉलर नौकरी करने वालों ने दोपहर के भोजन के दामों में कटौती करना शुरू कर दिया। जहां पहले ये लोग अपने दोपहर के भोजन में 30 से 40 युआन तक खर्च करते थे वहीं दो वर्ष पहले ये लोग अपने दोपहर के खाने में मात्र 10 युआन ही खर्च कर रहे हैं। लोग रात के खाने में भी 10 युआन से ज्यादा खर्च नहीं करते हैं। 

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