Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Dec, 2025 07:41 PM

एप्पल ने आईफोन और मैक यूजर्स को गूगल क्रोम और गूगल ऐप का इस्तेमाल बंद करने की चेतावनी दी है। कंपनी का कहना है कि गूगल के टूल फिंगरप्रिंटिंग के जरिए यूजर्स की डिजिटल पहचान ट्रैक करते हैं, जिसे रोका नहीं जा सकता। एप्पल ने सफारी को ज्यादा सुरक्षित...
नेशनल डेस्क: एप्पल ने आईफोन और मैक यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें गूगल क्रोम ऐप और क्रोम ब्राउज़र का उपयोग बंद करने की सलाह दी गई है। यह कदम एप्पल ने करोड़ों उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और डाटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। दुनिया के सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र क्रोम को लेकर एप्पल ने दावा किया है कि गूगल के टूल ऐसे ट्रैकिंग तरीकों से जुड़े हैं जिन्हें रोका नहीं जा सकता।
एप्पल का कहना है कि जो उपयोगकर्ता अपनी डिजिटल पहचान छिपाना चाहते हैं, उनके लिए सफारी ब्राउज़र अधिक सुरक्षित विकल्प है। कंपनी ने यूजर्स को आगाह किया है कि गूगल के सीक्रेटिव फिंगरप्रिंटिंग सिस्टम के कारण उनके डिवाइस की पहचान संभव हो जाती है, जिससे उनकी ऑनलाइन गतिविधियाँ ट्रैक की जा सकती हैं। एप्पल के अनुसार, फिंगरप्रिंटिंग के जरिए फोन के कई डेटा को जोड़कर एक स्थायी डिजिटल पहचान बनाई जा सकती है, जबकि सफारी ब्राउज़र ऐसी किसी भी गतिविधि को रोकता है।
एप्पल की चेतावनी में क्या कहा गया है?
एप्पल ने गूगल के लोकप्रिय प्रोडक्ट्स, खासकर क्रोम और गूगल ऐप को लेकर गंभीर चिंता जताई है। कंपनी का कहना है कि सफारी ब्राउज़र ऑनलाइन डेटा ट्रैकिंग और प्राइवेसी रिस्क को काफी हद तक कम करता है। सफारी सभी डिवाइसेज़ को एक जैसी पहचान में दिखाता है, जिससे किसी खास यूजर की डिवाइस अलग से पहचान में नहीं आती और डिजिटल फिंगरप्रिंट बनने की संभावना समाप्त हो जाती है।
मोजिला ने भी फायरफॉक्स को किया अपडेट
गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर सिर्फ एप्पल ही सक्रिय नहीं है। मोजिला ने भी फायरफॉक्स ब्राउज़र को अपडेट किया है, ताकि उपयोगकर्ताओं की डिजिटल पहचान और गतिविधियाँ सुरक्षित रह सकें। जो यूजर्स फायरफॉक्स पर स्विच करते हैं, उन्हें सुरक्षा के मामले में अधिक भरोसेमंद अनुभव मिलता है।
गूगल क्रोम पर बढ़ी असमंजस की स्थिति
एआई आधारित ट्रैकिंग रोकने, प्राइवेट ब्राउज़िंग और लोकेशन डाटा चोरी से बचाने जैसे मामलों पर क्रोम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल ने डाटा फिंगरप्रिंटिंग रोकने वाले कई नियम हटा दिए थे, जिससे क्रोम उपयोगकर्ताओं का डाटा अधिक आसानी से कलेक्ट कर सकता है। डिजिटल फुटप्रिंट के माध्यम से गूगल के पास यूजर्स की लगभग हर ऑनलाइन गतिविधि रिकॉर्ड रहती है।