मरियम ने पाक पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री बनकर रचा इतिहास

Edited By Updated: 27 Feb, 2024 05:46 AM

maryam made history by becoming first woman cm of pakistan punjab

तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच दिया। इससे पहले भारतीय पंजाब में राजिंद्र कौर भट्ठल 1996 से 1997 तक पंजाब की 14वीं मुख्यमंत्री रहीं।

तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच दिया। इससे पहले भारतीय पंजाब में राजिंद्र कौर भट्ठल 1996 से 1997 तक पंजाब की 14वीं मुख्यमंत्री रहीं। पाकिस्तान में पंजाब विधानसभा 371 सीटों के साथ देश का सबसे बड़ा निर्वाचित सदन है, जिसमें 297 सामान्य सीटें और 74 आरक्षित सीटें हैं, जिनमें 66 महिलाओं के लिए और 8 अल्पसंख्यकों के लिए हैं। पंजाब की आबादी 127,688,122 है। लाहौर की संस्कृति  अद्वितीय है, इसे सांस्कृतिक राजधानी या पाकिस्तान का दिल भी कहा जाता है। 

मरियम को नवाज शरीफ का उत्तराधिकारी और पी.एम.एल.-एन. का भावी नेता माना जाता था। वह अपनी तीखी बयानबाजी और भीड़ को खींचने और उत्तेजित करने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं और कहती हैं कि उन्होंने बड़े पैमाने पर पुरुषों के प्रभुत्व वाले राजनीतिक क्षेत्र में खुद को स्थापित किया है। मरियम ने डॉक्टर बनने का इरादा  किया, इसलिए 1980 के दशक के अंत में किंग एडवर्ड मैडीकल कॉलेज में दाखिला लिया; परंतु प्रवेश पर विवाद पैदा होने के बाद उन्हें अपनी डिग्री पूरी किए बिना कॉलेज छोडऩा पड़ा। 

1992 में उन्होंने सफदर अवान से शादी की। सफदर उस समय पाकिस्तानी सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत थे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में नवाज शरीफ के कार्यकाल के दौरान उनके सुरक्षा अधिकारी थे। सफदर अवान से उनके तीन बच्चे हैं-बेटा जुनैद और दो बेटियां महनूर तथा मेहर-उन-निसा। 1999 के पाकिस्तानी तख्तापलट के बाद, शरीफ परिवार के सदस्यों के साथ सऊदी अरब में निर्वासन में भेजे जाने से पहले वह 4 महीने तक घर में नजरबंद रहीं। नवम्बर 2011 में, नवाज शरीफ ने उन्हें राजनीति में प्रवेश करने की अनुमति दे दी। अपने  राजनीतिक पदार्पण के दौरान उन्होंने शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों पर भाषण देने के लिए शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करना शुरू किया। जनवरी 2012 में, मरियम ने ट्वीट किया, ‘‘मैं केवल नवाज शरीफ को उनके साइबर सैल की निगरानी करने में सहायता कर रही हूं। चुनावी या व्यावहारिक राजनीति में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।’’ 

वह 2013 तक काफी हद तक सुॢखयों से बाहर रहीं, जब उन्हें पाकिस्तान के आम चुनाव के दौरान नवाज शरीफ के चुनाव अभियान का प्रभारी बनाया गया, जहां उन्होंने एक प्रमुख भूमिका निभाई। मरियम को पी.एम.एल.-एन. द्वारा युवाओं के प्रति संतुलन के रूप में तैनात किया गया था। उनके पिता के सत्ता संभालने और प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें नवंबर 2013 में प्रधानमंत्री युवा कार्यक्रम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। बाद में, मरियम ने पी.टी.आई. द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का समाधान करने के लिए पी.एम.एल.-एन सोशल मीडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। मार्च 2017 में, मरियम को बी.बी.सी. ने 100 शक्तिशाली महिलाओं में से एक के रूप में चुना। दिसम्बर 2017 में, उन्हें न्यूयॉर्क टाइम्स की वर्ष 2017 की दुनिया भर की 11 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया। 

जून 2018 में, मरियम को निर्वाचन क्षेत्र एन.ए.- 127 (लाहौर) और पी.पी.- 173 से 2018 का आम चुनाव लडऩे के लिए टिकट आबंटित किया गया था। जुलाई में, उन्हें राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एन.ए.बी.) द्वारा दायर एवेनफील्ड मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में 7 साल जेल की सजा सुनाई गई, जबकि उनके पिता नवाज शरीफ को 9 महीने की लम्बी सुनवाई में 10 साल की सजा मिली थी। अपने पिता की संपत्तियों को छुपाने में सहायक पाए जाने के बाद उन्हें उकसाने के लिए भी 7 साल की सजा मिली, जिसमें एन.ए.बी. के साथ असहयोग के लिए 1 साल की सजा भी शामिल थी। परिणामस्वरूप, उन्हें 10 साल के लिए राजनीति से अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके बाद पी.एम.एल.-एन. ने अली परवेज और मलिक इरफान शफी खोखर को क्रमश: निर्वाचन क्षेत्र एन.ए.- 127 और पी.पी.- 173 से 2018 का चुनाव लडऩे के लिए नामित किया। 

मरियम को 8 अगस्त 2019 को एन.ए.बी. लाहौर द्वारा चौधरी शूगर मिल्स भ्रष्टाचार मामले के सिलसिले में एक और गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। उन्हें कोट लखपत जेल में हिरासत में ले लिया गया, जहां वह अपने पिता नवाज शरीफ से मिलने के लिए साप्ताहिक यात्रा पर थीं। इसके बाद उन्होंने लाहौर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने 6 नवम्बर 2019 को उन्हें जमानत दे दी और रिहा करने का आदेश दिया। यूनाइटिड किंगडम में अपने पिता के 4 साल के आत्म-निर्वासन के दौरान मरियम राजनीति में तेजी से शामिल हो गईं। 2019 में उन्हें पी.एम.एल.-एन. के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने पूरे देश में महत्वपूर्ण सरकार विरोधी रैलियों का नेतृत्व किया और अपने पिता को सत्ता से बाहर करने और कथित तौर पर तत्कालीन पी.टी.आई. अध्यक्ष को सत्ता में लाने में मदद करने के लिए इमरान खान, पी.टी.आई., साथ ही सेना और न्यायपालिका की जमकर निंदा की। 

यह पता चलने के बाद कि नवाज शरीफ यूनाइटेड किंगडम में अपने 4 साल के आत्म-निर्वासन को समाप्त करने के बाद अक्तूबर 2023 में पाकिस्तान लौट रहे हैं, मरियम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए नवाज शरीफ की योजनाओं पर जोर देने के लिए सक्रिय हो गईं। उन्होंने अपने पिता की वापसी से पहले पार्टी कार्यकत्र्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया और कहा कि यह देश में किसी व्यक्ति की वापसी नहीं बल्कि समृद्धि और आशा की वापसी होगी। 2024 के आम चुनाव में पी.एम.एल.-एन. के उम्मीदवार के रूप में पहली बार चुनाव लड़ रही मरियम पंजाब की प्रांतीय असैंबली के लिए चुनी गईं। 

चुनाव के बाद, मरियम नवाज को पी.एम.एल.-एन. द्वारा पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया। परिणामस्वरूप, उन्होंने पंजाब की मुख्यमंत्री की भूमिका निभाने के लिए एन.ए.- 119 में अपनी सीट छोड़ दी और पी.पी.- 59 में अपनी सीट बरकरार रखी। 23 फरवरी को, मरियम ने पहली बार पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आई.टी. क्षेत्रों में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए पंजाब में विकास का एक नया युग लाने का वादा किया। दोनों पंजाब राज्यों के लोगों को उम्मीद है कि अब व्यापार बहाल हो जाएगा।-राज सदोष

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!