Breaking




कुश्ती संघ के मामले में प्रधानमंत्री की क्या मजबूरी

Edited By ,Updated: 02 May, 2023 04:24 AM

what is the compulsion of the pm in the matter of wrestling association

जो सवाल पहले किसान पूछ रहे थे वही सवाल आज पहलवान पूछ रहे हैं। आखिर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? आपराधिक छवि वाले और संगीन आरोप झेल रहे नेता के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठाते?

जो सवाल पहले किसान पूछ रहे थे वही सवाल आज पहलवान पूछ रहे हैं। आखिर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? आपराधिक छवि वाले और संगीन आरोप झेल रहे नेता के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठाते? आखिर प्रधानमंत्री की क्या मजबूरी है? महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोप सामान्य नहीं हैं। आरोप ऐसे हैं कि किसी भी संवेदनशील इंसान का दिल दहल उठे, किसी भी देशभक्त का सिर झुक जाए। आरोप यह है कि महिला पहलवानों का यौन शोषण आज नहीं कोई 10 साल से चल रहा है। 

आरोप है कि यौन शोषण में केवल एक व्यक्ति नहीं कुश्ती फैडरेशन के अनेक कोच भी शामिल हैं। आरोप है कि इनके शिकारों में नाबालिग बच्चियां भी शामिल रही हैं। यह आरोप लगाने वाली कोई एक महिला नहीं बल्कि अनेक महिला खिलाड़ी हैं। आरोप की गंभीरता स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की है। आरोप यह भी है कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दो साल पहले सीधे प्रधानमंत्री को स्वयं साक्षी मालिक ने की थी। बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यह पहला आरोप नहीं है। 

6 बार लोकसभा के सांसद रह चुके बृजभूषण के चुनावी हल्फनामे उनके आपराधिक रिकॉर्ड की कहानी बयान करते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उनके हल्फनामे में धारा 307 (हत्या का प्रयास) सहित 4 आपराधिक मामलों का जिक्र था। एक और हत्या के मुकद्दमे में वह साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुके हैं। सांसद महोदय खुद अपने अपराध को स्वीकार करते हैं। पिछले साल लल्लनटॉप को दिए वीडियो इंटरव्यू में उन्होंने स्वयं कहा था,‘‘मेरे जीवन में मेरे हाथ से एक हत्या हुई है, लोग जो कुछ भी कहें, मैंने एक हत्या की है।’’ लेकिन उस हत्या के मामले में इन पर मुकद्दमा भी चला हो, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। 

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने गोंडा से उनकी जगह घनश्याम शुक्ला को उम्मीदवार बनाया तो मतदान वाले दिन ही एक दुर्घटना में शुक्ला की मौत हो गई। इस मौत के पीछे बृज भूषण का हाथ होने का संदेह किसी और ने नहीं स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी ने व्यक्त किया और इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं स्वयं बृजभूषण ने ‘द स्क्रोल’ को दिए इंटरव्यू में किया। सवाल यह है कि ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री का संरक्षण क्यों प्राप्त है? सवाल की गहराई में जाएंगे तो आप पाएंगे कि बृज भूषण अपवाद नहीं हैं। एक लंबी फेहरिस्त बन सकती है भाजपा के उन नेताओं की जिनके विरुद्ध महिलाओं के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे, लेकिन भाजपा या प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई। 

इस सूची में कुलदीप सेंगर, चिन्मयानंद स्वामी, साक्षी महाराज, एम.जे. अकबर, उमेश अग्रवाल, बर्नार्ड मराक और संदीप सिंह का नाम होगा। उधर तथाकथित बाबा राम रहीम और आसाराम से भाजपा की नजदीकियां किसी से छुपी नहीं हैं। याद करें तो अपने प्रधानमंत्री काल में हाथरस, कठुआ या बिलकिस बानो जैसी महिलाओं के विरुद्ध बलात्कार या शोषण की प्रमुख घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने अजीब चुप्पी बनाए रखी है। यह सवाल नया नहीं है। यह सवाल किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बारे में पूछा था। दिन-दिहाड़े किसानों की हत्या के आरोपी के पिता और उस हत्याकांड की साजिश के मुख्य आरोपी अजय मिश्र टेनी आज भी मंत्रिमंडल में क्यों बने हुए हैं? 

आज वही सवाल बृज भूषण शरण सिंह के बारे में उठ रहा है। ‘बेटी बचाओ’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नाबालिग लड़की द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बावजूद बृज भूषण को अभयदान क्यों दे रहे हैं? इन खिलाडिय़ों को भारत का गौरव बताने वाले मोदी जी बृज भूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद से हटाने जैसी सामान्य कार्रवाई से क्यों झिझक रहे हैं? इस साल जनवरी में यह कांड सार्वजनिक होने के बावजूद और खिलाडिय़ों को समुचित कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो सकी? इस प्रश्न के दो ही उत्तर हो सकते हैं। या तो राजनीतिक मजबूरी का मामला है या फिर नैतिक कमजोरी का। यौन शोषण के यह सब आरोपी अपने-अपने इलाके के दबंग नेता हैं और कुछ जातियों के वोटों के ठेकेदार हैं। इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का मतलब होगा भाजपा के वोट बैंक में घाटे का जोखिम उठाना। 

अगर यही कारण है तो फिर कुछ और सवाल खड़े होते हैं। क्या देश का ‘सबसे लोकप्रिय और ताकतवर’ नेता कुछ स्थानीय क्षत्रपों के सामने इतना निरीह है? आखिर बृजभूषण किस बूते पर यह धमकी देते हैं कि अगर मैंने मुंह खोला तो सुनामी आ जाएगी? जो नरेंद्र मोदी भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को किनारे लगा चुके हैं वह इन छुटभैया नेताओं के सामने मजबूर क्यों हैं? और अगर इतने ही मजबूर हैं तो फिर किस मुंह से राष्ट्र गौरव और बेटी बचाओ की बात करते हैं? हम नहीं जानते कि प्रधानमंत्री के मन में क्या है और आशा यही करनी चाहिए कि यह सच नहीं है। लेकिन क्या साक्षी मलिक के आंसू, बृज भूषण की ढिठाई और प्रधानमंत्री की चुप्पी को देखने वाली करोड़ों भारतीय महिलाओं को ऐसा महसूस नहीं होगा? जब तक प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे तब तक ये सवाल मुंह बाए खड़े रहेंगे।-योगेन्द्र यादव
 

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!