Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jun, 2025 11:46 AM

हीरा उद्योग में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है और इस बार भारतीय उद्योगपति अनिल अग्रवाल की नजर इस पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की जानी-मानी हीरा कंपनी De Beers को खरीदने की दौड़ तेज हो गई है, जिसमें वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अग्रवाल भी शामिल हैं।
बिजनेस डेस्कः हीरा उद्योग में बड़ा उलटफेर होने जा रहा है और इस बार भारतीय उद्योगपति अनिल अग्रवाल की नजर इस पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की जानी-मानी हीरा कंपनी De Beers को खरीदने की दौड़ तेज हो गई है, जिसमें वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अग्रवाल भी शामिल हैं। मौजूदा समय में De Beers की मूल कंपनी Anglo American इसे बेचने की योजना बना रही है, क्योंकि वह अब तांबा और लोहा जैसे मुख्य धातु कारोबार पर फोकस करना चाहती है। हालांकि, यह सौदा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक बाजार में हीरों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।
वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल भी De Beers को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। उनकी कंपनी जाम्बिया और दक्षिण अफ्रीका में खदानें चलाती है। दो सूत्रों ने बताया कि अग्रवाल एक बड़े समूह के साथ मिलकर बोली लगा सकते हैं। हालांकि Anglo और अग्रवाल दोनों ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। भारतीय कंपनियां केजीके ग्रुप और Kapu Gems भी De Beers को खरीदने में रुचि दिखा रही हैं। ये कंपनियां हीरे को तराशने का काम करती हैं। ये De Beers की सबसे बड़ी ग्राहक भी हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने यह बात बताई। KGK Group और Kapu Gems ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया।
कितनी है वैल्यू
एंग्लो अमेरिकन ने बताया कि De Beers की बुक वैल्यू $4.9 बिलियन है। कंपनी को पिछले दो साल में $3.5 बिलियन का नुकसान भी हुआ है। कंपनी ने Morgan Stanley, Goldman Sachs और Centerview को वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया है। ये सलाहकार कंपनी को बेचने, अलग करने या शेयर बाजार में लिस्ट कराने में मदद करेंगे। Anglo American ने कहा है कि उन्होंने वित्तीय सलाहकारों को बिक्री या डीमर्जर और संभावित लिस्टिंग में मदद करने के लिए रखा है। इसका मतलब है कि कंपनी De Beers को बेचने के अलावा उसे शेयर बाजार में भी लिस्ट करा सकती है।