Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 Nov, 2019 12:35 PM
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 2018 में गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया था। लेकिन जानकारी और जागरूकता के अभाव में लोगों को योजना का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को इन्सेंटि...
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 2018 में गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया था। लेकिन जानकारी और जागरूकता के अभाव में लोगों को योजना का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को इन्सेंटिव देने की बात कही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मोदीकेयर प्रोगाम का लाभ मिल सके।
योजना से जुड़े मात्र 10 करोड़ लोग
आयुष्मान भारत योजना (मोदीकेयर प्रोग्राम) के तहत 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों के 50 करोड़ लोगों को निशुल्क इलाज की सुविधा देने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन अब तक इस प्रोग्राम के तहत मात्र 10 करोड़ लोगों को ही लाभार्थी बनाया गया है। नैशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के मुताबिक, इस प्रोग्राम के तहत करीब 20 हजार अस्पताल रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 60 फीसदी प्राइवेट हैं। ऐसे में इनकी भागीदारी बढ़ाने से इस प्रोग्राम के ज्यादा सफल होने की संभावना है। इस वित्त वर्ष में इस योजना के लिए करीब 6,200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
योजना के फायदे
- इस योजना को गरीबों की सेहत को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में शुरू किया था।
- एक परिवार को 5 लाख रुपए का हेल्थ इश्योरेंस मिलता है।
- इस योजना का फायदा करीब 10 करोड़ परिवारों (50 करोड़ लोगों) को मिलेगा। इनमें 8 करोड़ परिवार ग्रामीण इलाकों से और 2 करोड़ परिवार शहरी क्षेत्रों से हैं।
- इस योजना में लाभार्थियों की उम्र को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। हालांकि लड़कियों, महिलाओं और बुजुर्गों को तरजीह दी जाएगी। इस योजना के तहत पहले से मौजूद बीमारी भी कवर होती है।
- कैंसर, हार्ट ऑपरेशन समेत अन्य गंभीर बीमारियां भी इसमें शामिल होंगी।
- योजना को कैशलेस और पेपरलेस बनाया गया है। योजना का लाभ पूरे देश में कहीं भी उठाया जा सकता है।