प्रतिस्पर्धा, भारी बारिश के कारण अक्टूबर में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर पांच माह के निचले स्तर पर

Edited By Updated: 06 Nov, 2025 05:09 PM

competition and heavy rains weighed on services sector growth in october

देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर प्रतिस्पर्धी दबाव और भारी बारिश के कारण अक्टूबर में पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई। बृहस्पतिवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि...

नई दिल्लीः देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर प्रतिस्पर्धी दबाव और भारी बारिश के कारण अक्टूबर में पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई। बृहस्पतिवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक सितंबर के 60.9 से अक्टूबर में 58.9 पर आ गया। यह मई के बाद से विस्तार की सबसे धीमी गति को दर्शाता है। इस नरमी के बावजूद, अक्टूबर माह का सेवा पीएमआई सूचकांक 50 के तटस्थ स्तर तथा 54.3 के अपने दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर रहा। 

क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है। एचएसबीसी के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर में घटकर 58.9 पर आ गई जो मई के बाद से विस्तार की सबसे धीमी गति को दर्शाता है। इस क्रमिक मंदी की मुख्य वजह प्रतिस्पर्धी दबाव और भारी बारिश रही।'' एसएंडपी ग्लोबल द्वारा करीब 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों की समिति को भेजी गई प्रश्नावली के जवाबों से संकलित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई के अनुसार, मांग में तेजी तथा जीएसटी (माल एवं सेवा कर) राहत जैसे कारकों से परिचालन स्थितियों में सुधार हुआ लेकिन प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश के कारण वृद्धि बाधित हुई। 

सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय मांग में और सुधार हुआ है जिसका संकेत बाहरी बिक्री में एक और वृद्धि से मिलता है। विस्तार की दर ठोस रही, हालांकि मार्च के बाद से यह सबसे कम है। कंपनियों को अगले 12 महीनों में व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि का पूरा भरोसा है। इस बीच, देश के विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों का संयुक्त उत्पादन अक्टूबर में तेजी से बढ़ा लेकिन वृद्धि की गति धीमी हो गई। इससे एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक सितंबर के 61 से अक्टूबर में 60.4 पर आ गया। 

भंडारी ने कहा, ‘‘भारत का समग्र पीएमआई सितंबर के 61 से पिछले महीने क्रमिक आधार पर गिरकर 60.4 पर आ गया जिसका मुख्य कारण सेवा क्षेत्र में मंदी है।'' समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। ये भार आधिकारिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के सापेक्ष आकार को दर्शाते हैं। 
 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!