Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2025 12:01 PM

विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और बिकवाली का स्तर लगभग रिकॉर्ड तक पहुंच गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका बड़ा हिस्सा चीन और अन्य एशियाई बाजारों में जा रहा है, जहां वैल्यूएशन भारत की तुलना में सस्ता...
बिजनेस डेस्कः विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और बिकवाली का स्तर लगभग रिकॉर्ड तक पहुंच गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका बड़ा हिस्सा चीन और अन्य एशियाई बाजारों में जा रहा है, जहां वैल्यूएशन भारत की तुलना में सस्ता है और इस साल का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है।
भरोसा क्यों घटा?
विश्लेषकों के मुताबिक भारतीय बाजार को हमेशा प्रीमियम मिला है लेकिन हाल की कमजोर तिमाही नतीजों और सुस्त अर्निंग ग्रोथ ने विदेशी निवेशकों का भरोसा तोड़ा। इसके उलट घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) लगातार खरीदारी कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगर आने वाले महीनों में अर्निंग्स में सुधार होता है तो FII निवेश फिर से लौट सकता है।
ट्रंप का टैरिफ और ग्लोबल दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लगाने और कंपनियों के निराशाजनक रिजल्ट्स ने विदेशी निवेशकों की धारणा को कमजोर किया है। बैंक ऑफ अमेरिका के सर्वे के अनुसार, 30% ग्लोबल फंड मैनेजर्स फिलहाल भारत को अंडरवेट मान रहे हैं, जबकि जापान और चीन उनकी नई पसंद बने हुए हैं।
टेक सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर
सिर्फ जुलाई में ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय टेक शेयरों से लगभग ₹20,000 करोड़ की हिस्सेदारी घटाई। आईटी कंपनियों के कमजोर आउटलुक, डॉलर की मजबूती और ऊंची बॉन्ड यील्ड्स ने मिलकर बाजार पर दबाव बढ़ाया है। नतीजतन, बीते डेढ़ महीने में भारत ने अपने एशियाई साथियों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है।