Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Dec, 2025 06:21 PM

मोतीलाल ओसवाल ग्रुप की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 से 2025 तक का पांच साल का दौर भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद मजबूत रहा है। इस अवधि में पिछले तीन दशकों की तुलना में सबसे ज्यादा वेल्थ क्रिएशन देखने को मिला। हालांकि, इसी दौरान कुछ ऐसे शेयर भी...
बिजनेस डेस्कः मोतीलाल ओसवाल ग्रुप की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 से 2025 तक का पांच साल का दौर भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद मजबूत रहा है। इस अवधि में पिछले तीन दशकों की तुलना में सबसे ज्यादा वेल्थ क्रिएशन देखने को मिला। हालांकि, इसी दौरान कुछ ऐसे शेयर भी सामने आए जिन्होंने अपने निवेशकों की बड़ी पूंजी डुबो दी।
यह रिपोर्ट मोतीलाल ओसवाल ग्रुप के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल की अगुआई में तैयार की गई है, जिसकी थीम है “India – The Multi-Trillion Dollar Opportunity: Compounding Economy, Compounding Stocks”। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था निवेशकों के लिए बड़े अवसर पेश कर रही है।
वेल्थ डिस्ट्रक्शन रहा सीमित
रिपोर्ट के अनुसार, इन पांच वर्षों में कुल ₹66,600 करोड़ की वेल्थ नष्ट हुई, जो पिछले 17 सालों में सबसे कम है। यह टॉप-100 कंपनियों द्वारा बनाई गई कुल संपत्ति का सिर्फ 0.4% है। टॉप-500 कंपनियों में से केवल 24 कंपनियां ही ऐसी रहीं जिन्होंने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया।
टॉप वेल्थ डिस्ट्रॉयर शेयर
पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले शेयरों में राजेश एक्सपोर्ट्स और व्हर्लपूल इंडिया सबसे ऊपर रहे। इन दोनों कंपनियों ने मिलकर निवेशकों की ₹10,000 करोड़ से ज्यादा की वेल्थ खत्म कर दी।
- राजेश एक्सपोर्ट्स: शेयर 60% टूटे, CAGR -19%
- व्हर्लपूल इंडिया: 56% की गिरावट, CAGR -11%
इसके अलावा बंधन बैंक, वोडाफोन आइडिया, धानी सर्विसेज, पीवीआर इनॉक्स, जी एंटरटेनमेंट, रिलैक्सो फुटवियर, स्पंदना स्फूर्ति और फ्यूचर कंज्यूमर भी वेल्थ डिस्ट्रॉयर की सूची में शामिल रहे।
वोडाफोन आइडिया रहा अपवाद
दिलचस्प बात यह रही कि वोडाफोन आइडिया ने पिछले पांच साल में भले ही ₹7,100 करोड़ की वेल्थ नष्ट की, लेकिन बीते छह महीनों में इसके शेयरों में 50% से ज्यादा की तेजी आई है। यह इस सूची का इकलौता शेयर है जिसका CAGR 17% पॉजिटिव रहा।
सेक्टर के हिसाब से हाल
सेक्टर स्तर पर सबसे ज्यादा नुकसान कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में हुआ, जहां ₹29,600 करोड़ की वेल्थ नष्ट हुई, जो कुल नुकसान का 44% है। इसके बाद फाइनेंशियल्स और टेलीकॉम सेक्टर रहे। आईटी, रियल एस्टेट, मीडिया और कैपिटल गुड्स सेक्टर भी कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे।