Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Sep, 2025 06:04 PM

वित्त मंत्रालय नौ अक्टूबर से 2026-27 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं और भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क के बीच बजट की तैयारी शुरू होने जा रही है। अगले वर्ष के बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और...
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय नौ अक्टूबर से 2026-27 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं और भारतीय सामान पर 50 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क के बीच बजट की तैयारी शुरू होने जा रही है। अगले वर्ष के बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत से अधिक की सतत वृद्धि दर पर लाने के लिए मुद्दों पर ध्यान देना होगा। सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहेगी।
आर्थिक मामलों के विभाग के बजट परिपत्र (2026-27) के अनुसार, ‘‘सचिव (व्यय) की अध्यक्षता में बजट-पूर्व बैठकें नौ अक्टूबर, 2025 से शुरू होंगी।'' परिपत्र में कहा गया, ‘‘वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिशिष्ट I से VII में आवश्यक विवरण तीन अक्टूबर, 2025 से पहले या उससे पहले ठीक से दर्ज किए जाएं। निर्दिष्ट प्रारूपों में आंकड़ों की ‘हार्ड कॉपी' सत्यापन के लिए जमा की जानी चाहिए।'' वित्त वर्ष 2026-27 के बजट अनुमानों को बजट-पूर्व बैठकों के पूरा होने के बाद अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा और संशोधित अनुमान (आरई) बैठकें नवंबर, 2025 के मध्य तक जारी रहेंगी।
परिपत्र के अनुसार, ‘‘सभी मंत्रालयों/विभागों को उन स्वायत्त निकायों/कार्यान्वयन एजेंसियों का विवरण प्रस्तुत करना चाहिए, जिनके लिए अलग से कोष बनाया गया है। उनके जारी रहने के कारण और अनुदान सहायता की आवश्यकता और इसे समाप्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए।'' चालू वित्त वर्ष 2026-27 का बजट संसद के बजट सत्र के शुरू में एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष के बजट में बाजार मूल्य पर 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है, जबकि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।