Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Mar, 2023 12:08 PM

अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से शुरू हुआ बैकिंग संकट क्रेडिट सुइस के रास्ते यूरोप पहुंच गया। अब इसके जर्मनी में भी दस्तक देने की संभावना है। जर्मनी के सबसे बड़े ड्यूश बैंक का स्टॉक प्राइस तब एक झटके में 15 प्रतिशत टूट गया, जब बैंक के...
बिजनेस डेस्कः अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से शुरू हुआ बैकिंग संकट क्रेडिट सुइस के रास्ते यूरोप पहुंच गया। अब इसके जर्मनी में भी दस्तक देने की संभावना है। जर्मनी के सबसे बड़े ड्यूश बैंक का स्टॉक प्राइस तब एक झटके में 15 प्रतिशत टूट गया, जब बैंक के इंवेस्टर्स ने इसमें बिकवाली शुरू कर दी।
ड्यूश बैंक के स्टॉक्स में इस बिकवाली की एक बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर पांव पसार रहे आर्थिक संकट और स्वास्थ्य चिंताओं के फिर से बढ़ने को माना जा रहा है। बैंक के शेयर प्राइस में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है।
8.5% टूट कर बंद हुआ स्टॉक
ड्यूश बैंक का शेयर प्राइस शुक्रवार को दिन में कारोबार के दौरान 15 प्रतिशत तक टूट गया। इसके बाद इसमें थोड़ा सुधार देखने को मिला लेकिन कारोबार के अंत में ये 8.53 प्रतिशत टूटकर 8.54 यूरो पर बंद हुआ। साल 2023 की शुरुआत से अब तक इसके शेयर भाव में 21.94 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
जर्मनी का बड़ा बैंक है Deutsche Bank
जर्मनी की अर्थव्यवस्था में ड्यूश बैंक अहम भूमिका अदा करता है। ये एक मल्टीनेशनल बैंक है। कई सालों तक बैंक को छोटा और सुरक्षित बनाए रखने के बावजूद दुनियाभर के बाजारों में इसकी मौजूदगी है। ये मुख्य तौर पर कॉरपोरेट कर्ज के सेक्टर में काम करने वाला बैंक है।
आखिर क्यों टूट रहा बैंक का शेयर?
ड्यूश बैंक के शेयर में बिकवाली सिर्फ ग्लोबल इकोनॉमिक क्राइसिस और हेल्थ टेंशंस की वजह से नहीं हुई है बल्कि 2020 के मुकाबले क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप बीमा की लागत कई गुना बढ़ने की वजह से निवेशकों के बीच बिकवाली की धारणा देखी जा रही है। क्रेडिट-डिफॉल्ट स्वैप, बीमा का ही एक प्रकार है जो किसी कंपनी के बांड होल्डर्स की उसके डिफॉल्ट के एवज में सुरक्षा करता है।
क्रेडिट सुइस और सिलिकॉन वैली बैंक डूबे
ड्यूश बैंक के शेयर प्राइस में गिरावट आने से यूरोप के बैंकिंग सेक्टर की स्टेबिलिटी को धक्का लगा है। लोगों के बीच डर का माहौल पहले से है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस का जबरन उसके प्रतिद्वंदी यूबीएस में विलय करा दिया गया। वहीं अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक डूबने के बाद सिग्नेचर बैंक पर भी इसका असर हुआ।