GST कटौती से घट सकती है महंगाई, RBI को मिल सकती है दरों में कटौती की गुंजाइश

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 04:39 PM

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वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में हालिया कटौती से आम उपभोक्ताओं पर कीमतों का बोझ कम होने की उम्मीद है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यदि कंपनियां इसका पूरा लाभ ग्राहकों को पास ऑन करती हैं तो खुदरा मुद्रास्फीति अगले 12 महीनों में 60–80 आधार अंक तक नीचे...

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में हालिया कटौती से आम उपभोक्ताओं पर कीमतों का बोझ कम होने की उम्मीद है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यदि कंपनियां इसका पूरा लाभ ग्राहकों को पास ऑन करती हैं तो खुदरा मुद्रास्फीति अगले 12 महीनों में 60–80 आधार अंक तक नीचे आ सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में 2026 की चौथी तिमाही में औसत मुद्रास्फीति 4.4% और अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.9% रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, नई कर दरों के चलते महंगाई का दबाव घट सकता है।

अर्थशास्त्रियों के अनुमान

स्टैंडर्ड चार्टर्ड की अनुभुति सहाय के अनुसार, जीएसटी कटौती का असर खासकर कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स पर पड़ेगा और साल भर में महंगाई 60–65 आधार अंक कम हो सकती है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की गौरा सेनगुप्ता का कहना है कि महंगाई में 60–80 आधार अंक की गिरावट संभव है। उन्होंने FY26 की खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर 2.4% कर दिया है।

विकास दर पर असर

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8% रही, जो आरबीआई के अनुमान (6.5%) से काफी अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी कटौती से अगले 12 महीनों में जीडीपी में लगभग 0.6% अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है।

RBI का अगला कदम

फरवरी 2025 से अब तक आरबीआई 100 आधार अंक की दर कटौती कर चुका है। आगे का फैसला वैश्विक हालात और अमेरिकी टैरिफ के असर को देखते हुए लिया जाएगा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि तटस्थ रुख अपनाने से नीति में लचीलापन बना रहेगा।

आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच होगी, जहां इस पर बड़ा फैसला आ सकता है।

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