Edited By ,Updated: 09 Nov, 2015 10:59 AM

आईडीएफसी बैंक को पूंजी की कमी के चलते सरकारी बैंकों द्वारा अपनी बैलेंस शीट बढ़ाने में असमर्थता से पैदा हुए खाली जगह भरने की उम्मीद है....
मुंबई: आईडीएफसी बैंक को पूंजी की कमी के चलते सरकारी बैंकों द्वारा अपनी बैलेंस शीट बढ़ाने में असमर्थता से पैदा हुए खाली जगह भरने की उम्मीद है क्योंकि वह अपनी खुदरा फ्रेंचाइजी का आधार बढ़ा रहा है। आईडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी राजीव लाल ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘ यह सच है कि सरकारी बैंकों को भविष्य में पूंजीगत बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। यह निजी क्षेत्र के नए बैंकों के लिए एक अवसर होगा।’’
लाल ने कहा, ‘‘ मजबूत पूंजी आधार, तगड़ी प्रबंधन टीम एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ भले ही हम छोटे आधार से शुरआत कर रहे हैं, मेरा मानना है कि अगले पांच साल में फ्रेंचाइजी के माध्यम से एक बड़ा ग्राहक आधार तैयार करना बहुत हद तक संभव है।’’ आईडीएफसी बैंक ने अप्रैल, 2014 में आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद 19 अक्तूबर को परिचालन शुरू किया। उन्होंने कहा कि खुदरा विस्तार विशेषकर ग्रामीण इलाकों में थोड़ा वक्त लगेगा क्योंकि इसके लिए पूंजी बढ़ाने की जरूरत होगी। लाल ने यह भी कहा कि अभी तक खोली गई 23 शाखाओं में से 15 शाखाएं मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में हैं।