नॉन कोकिंग कोयले का आयात तीन साल में काफी घट जाएगाः सीसीएल प्रमुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 May, 2023 04:39 PM

import of non coking coal will come down significantly in three years

सार्वजनिक क्षेत्र की सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि बिजली उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले नॉन कोकिंग कोयले के आयात में वित्त वर्ष 2025-26 तक बड़ी कमी आने की संभावना है। देश की सबसे...

रांचीः सार्वजनिक क्षेत्र की सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि बिजली उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले नॉन कोकिंग कोयले के आयात में वित्त वर्ष 2025-26 तक बड़ी कमी आने की संभावना है। देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी सीसीएल के प्रमुख ने कहा कि 2025-26 तक कोल इंडिया की उत्पादन क्षमता बढ़कर एक अरब टन हो जाने की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में नॉन कोकिंग कोयले की आयात जरूरत काफी कम हो जाएगी। 

कोल इंडिया के अगले चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद के लिए अनुशंसित प्रसाद ने कहा, ‘‘हमें ध्यान रखना है कि उत्पादन लक्ष्य पहले से ही निर्धारित हैं। पिछले वित्त वर्ष में कोल इंडिया का उत्पादन 70.34 करोड़ टन रहा था। इसके वर्ष 2023-24 में 78 करोड़ टन और वर्ष 2024-25 में 88 करोड़ टन हो जाने का अनुमान है।'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया एक अरब टन कोयले का उत्पादन करने लगेगी। 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं तो निश्चित रूप से नॉन कोकिंग कोयले का आयात घट जाएगा। इस तरह तीन साल के भीतर नॉन कोकिंग कोयले के आयात को निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है।'' पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में देश का कुल कोयला उत्पादन 89.30 करोड़ टन रहा है जो 2018-19 के 72.87 करोड़ टन की तुलना में 22.6 प्रतिशत अधिक था। 

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