Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jul, 2025 05:04 PM

खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण देश के औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि इस साल जून महीने में सुस्त पड़कर 10 महीने के निचले स्तर 1.5 प्रतिशत पर रही। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ें में यह जानकारी दी गई। मानसून के जल्दी आने से खनन और बिजली...
नई दिल्लीः खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण देश के औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि इस साल जून महीने में सुस्त पड़कर 10 महीने के निचले स्तर 1.5 प्रतिशत पर रही। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ें में यह जानकारी दी गई। मानसून के जल्दी आने से खनन और बिजली क्षेत्र की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के रूप में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन बीते साल जून में 4.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मई के औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर के आंकड़े को भी संशोधित कर 1.9 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले इसके 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। अगस्त, 2024 के बाद औद्योगिक उत्पादन वृद्धि सबसे कम है। उस समय इसकी वृद्धि स्थिर रही थी। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि जून, 2025 में मामूली रूप से बढ़कर 3.9 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 3.5 प्रतिशत थी।
खनन उत्पादन में 8.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसमें 10.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। बिजली उत्पादन में जून, 2025 में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।