Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Nov, 2019 02:45 PM
देश के टेलीकॉम सेक्टर में चल रहे साइलेंट वॉर में वोडाफोन ग्रुप के इंडियन वेंचर की हालत बहुत अच्छी नहीं है। इस ग्रुप के दूसरा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है- बिड़ला ग्रुप। बिजनेस टाइकून कुमार मंगलम बिड़ला को टेलीकॉम वॉर से जूझ रहे वोडाफोन के चलते लगभग अरब
बिजनेस डेस्कः देश के टेलीकॉम सेक्टर में चल रहे साइलेंट वॉर में वोडाफोन ग्रुप के इंडियन वेंचर की हालत बहुत अच्छी नहीं है। इस ग्रुप के दूसरा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है- बिड़ला ग्रुप। बिजनेस टाइकून कुमार मंगलम बिड़ला को टेलीकॉम वॉर से जूझ रहे वोडाफोन के चलते लगभग 3 अरब डॉलर (लगभग 21,528 करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ा है।
पिछले साल ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन के साथ अपनी टेलीकॉम कंपनी आइडिया सेल्युलर का विलय करने वाले उद्योगपित कुमार मंगलम बिड़ला की संपत्ति में 2017 के बाद से एक तिहाई की कमी आ चुकी है। संकटग्रस्त वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बढ़ते घाटे और कर्ज की वजह से उनकी हिस्सेदारी कम हुई है। इसके अलावा कुमार मंगलम बिड़ला की केमीकल, मेटल और सीमेंट बनाने वाली फ्लैगशिप कंपनियों के शेयर भी मांग में कमी की वजह से लुढ़के हैं, जिसकी वजह से भी उनकी संपत्ति घटी है। बिड़ला की कंपनी वोडाफोन-आइडिया का शेयर दिसंबर 2017 से अब तक 90% गिर चुका है।
ब्लूमबर्ग बिलिनियर्स इंडेक्स के मुताबिक दो साल पहले कुमार मंगलम बिड़ला की कुल संपत्ति 9.1 अरब डॉलर थी, जो अब घटकर 6 अरब डॉलर (लगभग 43,056 करोड़ रुपए) रह गई है। 2016 में मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के बाजार में प्रवेश करने के बाद से भारतीय टेलीकॉम बाजार में बिड़ला को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। जबिक दो अन्य कंपनियां दिवालिया हो गई हैं।
वोडाफोन आइडिया ने पिछले हफ्ते देश के कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा तिमाही घाटा होने की बात कही थी, जबकि वोडाफोन ने भारत में कंपनी के भविष्य पर आशंका व्यक्त की है। आदित्य बिड़ला ग्रुप की दुनिया की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम रोलिंग कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड में हिस्सेदारी है और इसके पास ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड का भी स्वामित्व है, जो भारत की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता है।