Sensex in 2026: मॉर्गन स्टेनली का बड़ा अनुमान, सेंसेक्स पहुंच सकता है 1,07,000 के पार

Edited By Updated: 18 Nov, 2025 04:39 PM

morgan stanley s bold prediction market could surpass 107 000

ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर अपने नए आउटलुक में कहा है कि दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स 1,07,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। यह मौजूदा स्तर से लगभग 26% ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बाजार स्थिति बेहद अनुकूल रही, तो...

बिजनेस डेस्कः ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर अपने नए आउटलुक में कहा है कि दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स 1,07,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। यह मौजूदा स्तर से लगभग 26% ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बाजार स्थिति बेहद अनुकूल रही, तो बुल-केस में सेंसेक्स इस स्तर को छू सकता है। इससे पहले मॉर्गन स्टेनली ने जून 2026 तक सेंसेक्स के 1,00,000 तक पहुंचने की 30% संभावना जताई थी।

ब्रोकरेज का मानना है कि 2025 भारत के लिए उभरते बाजारों की तुलना में 1994 के बाद सबसे कमजोर प्रदर्शन वाला वर्ष रहा है लेकिन वैल्यूएशन अब आकर्षक हो चुके हैं और अक्टूबर 2025 में संभवतः अपने निचले स्तर पर पहुंच गए थे। विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में भारत ग्रोथ के मोर्चे पर सकारात्मक सरप्राइज दे सकता है और बाजारों में री-रेटिंग की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। उनके बेस-केस अनुमान के अनुसार दिसंबर 2026 तक सेंसेक्स 95,000 के स्तर तक पहुंच सकता है, जिसकी संभावना 50% मानी गई है।

मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि बाजार की रैली को बनाए रखने के लिए मैक्रो स्थिरता जरूरी होगी। इसमें राजकोषीय अनुशासन, निजी निवेश में तेजी, वास्तविक आर्थिक वृद्धि और ब्याज दरों के बीच सकारात्मक अंतर प्रमुख भूमिका निभाएंगे। मजबूत घरेलू मांग, स्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था और नरम कच्चे तेल की कीमतें भी इस अनुमान को सपोर्ट करती हैं।

टैरिफ विवाद का समाधान 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद का समाधान आने वाले हफ्तों में हो सकता है और शॉर्ट टर्म में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की और कटौती का अनुमान है। मॉनेटरी पॉलिसी से लिक्विडिटी में सुधार की भी उम्मीद जताई गई है। साथ ही विश्लेषकों के मुताबिक वित्त वर्ष 2027-28 तक सेंसेक्स की कमाई सालाना 17% की दर से बढ़ सकती है।

हालांकि रिपोर्ट में जोखिम भी बताए गए हैं। अगर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाती है, तो स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है और आरबीआई को सख्त नीति अपनानी पड़ सकती है। वैश्विक विकास में मंदी या अमेरिका के रिसेशन में जाने से भी बाजार पर दबाव बढ़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों में सेंसेक्स दिसंबर 2026 तक 76,000 तक गिर सकता है, जिसकी संभावना 20% बताई गई है। भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध बिगड़ने पर सेंसेक्स की कमाई में कमी आ सकती है और वैल्यूएशन भी कमजोर पड़ सकते हैं।
 
 

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