Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2025 04:33 PM

देश में तेजी से बढ़ती डिजिटल जरूरतों को देखते हुए सरकार डेटा सेंटर सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन देने की तैयारी में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल डेटा सेंटर पॉलिसी के नए ड्राफ्ट में डेवलपर्स को 20 साल तक टैक्स छूट देने का प्रस्ताव है। यह राहत केवल...
बिजनेस डेस्कः देश में तेजी से बढ़ती डिजिटल जरूरतों को देखते हुए सरकार डेटा सेंटर सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन देने की तैयारी में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल डेटा सेंटर पॉलिसी के नए ड्राफ्ट में डेवलपर्स को 20 साल तक टैक्स छूट देने का प्रस्ताव है। यह राहत केवल उन्हीं कंपनियों को मिलेगी, जो क्षमता विस्तार, पावर इफिशिएंसी और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को पूरा करेंगी।
सूत्रों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय से औपचारिक अनुरोध कर सकता है। ड्राफ्ट में सुझाव दिया गया है कि डेटा सेंटर बनाने और उनके संचालन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी दी जाए।
भारत की डेटा सेंटर इंडस्ट्री 2019 से सालाना 24% की दर से बढ़ रही है और 2027 तक इसमें 795 मेगावाट की नई क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। इसके बाद देश की कुल क्षमता 1,825 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। ड्राफ्ट में यह भी प्रस्तावित है कि कम से कम 100 मेगावाट क्षमता संचालित करने वाली भारतीय कंपनियों को परमानेंट एस्टैब्लिशमेंट स्टेटस दिया जाए।
नीति के तहत पात्र कंपनियों को एआई डेवलपमेंट और मॉडलिंग सेंटर स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इससे न केवल रोजगार बढ़ेंगे, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा जैसी उन्नत तकनीकों में घरेलू क्षमता भी मजबूत होगी। राज्यों से भी कहा जाएगा कि वे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, आईटी हब और मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स के पास डेटा सेंटरों के लिए जमीन उपलब्ध कराएं।