ओला-उबर को भेजा गया नोटिस, 15 दिन में जवाब नहीं दिया तो हो सकती है कार्रवाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2022 01:52 PM

notice sent to ola uber action may be taken if it is not answered in 15 days

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने शुक्रवार को ऑनलाइन कैब सेवाएं प्रदान करने वाली नामी कंपनियों ओला और उबर को नोटिस जारी किया है। ये कार्रवाई यात्रियों के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन करने के मामले में की...

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने शुक्रवार को ऑनलाइन कैब सेवाएं प्रदान करने वाली नामी कंपनियों ओला और उबर को नोटिस जारी किया है। ये कार्रवाई यात्रियों के साथ अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन करने के मामले में की गई है। अब 15 दिनों के भीतर दोनों कंपनियों का अपना जवाब दाखिल करना है। 

सेवाओं में कमी प्रमुख वजह 
सीसीपीए की ओर से ओला और उबर को जारी किए गए नोटिस के पीछे सबसे प्रमुख कारण सेवाओं में कमी है। सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे कके अनुसार, हमने ओला और उबर दोनों को नोटिस जारी किया है। पिछले एक साल में प्राप्त अधिकांश उपभोक्ता शिकायतें सेवाओं में कमी और अन्य अनुचित व्यापार प्रथाओं व अनुचित व्यवहार से संबंधित हैं।

सालभर में इतनी शिकायतें 
रिपोर्ट के अनुसार, बीते 1 अप्रैल 2021 से 1 मई 2022 के बीच कैब सेवा प्रदाता ओला के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज की गई हैं और इनमें से 54 फीसदी शिकायतें सेवाओं में कमी से जुड़ी हैं। इसके अलावा उबर के खिलाफ इस समयावधि में 770 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 64 प्रतिशत सेवाओं में कमी से जुड़ी शिकायतें रहीं। 

कैंसिलेशन चार्ज भी बड़ा कारण 
जिन वजहों से दोनों कंपनियों को नोटिस जारी हुआ है, उनमें सेवाओं में कमी और बढ़ती शिकायतों के अलावा एक और अहम कारण है। दरअसल, राइड बुक करने से पहले दोनों कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर कैंसिलेशन चार्ज की राशि को प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं किया जाता है। ऐसे में अनुचित कैंसिलेशन चार्ज ग्राहकों द्वारा वहन किया जाता है, जब ड्राइवर की तरफ से राइड स्वीकार करने या पिक पर आने की अनिच्छा के कारण भी राइड कैंसिल की जाती है तो भी ग्राहकों को चूना लगता है।  

नकद भुगतान पर जोर 
उपभोक्ताओं की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों में और भी कई बातें सामने आई हैं, जिनका संज्ञान प्राधिकरण द्वारा लिया गया है। उपभोक्ताओं ने कैब ड्राइवरों द्वारा एसी लगाने से इनकार करने की शिकायत की है। इसके अलावा शिकायतों में ये भी कहा गया है कि कैब बुक करने के बाद ड्राइवर ऑनलाइन पेमेंट के बजाय केवल नकद भुगतान पर जोर देते हैं।  

किराए में बढ़ोतरी का असर 
गौरतलब है कि गुरुवार को ही उबर ने एक बयान में कहा था कि उसने भारत के कई शहरों में ईंधन की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से ड्राइवरों को सुरक्षित करने के मद्देनजर उसने किराए में वृद्धि की थी। इससे पहले भी कंपनी ने किराया बढ़ाया था, बता दें कि किराए में की जा रही ये वृद्धि भी यात्रा रद्द करने के पीछे बड़ा कारण है। रिपोर्ट में उपभोक्ताओं के हवाले से कहा गया कि इससे ग्राहकों को भारी असुविधा हो रही है क्योंकि किराए में बढ़ोतरी होती जा रही, जबकि सेवाएं दुरुस्त नहीं हैं।

सुधार न होने पर कड़ी कार्रवाई  
सरकार ने बीते 10 मई को कैब प्रदाताओं के साथ हुई बैठक में चेतावनी दी थी कि अगर वे अपनी व्यवस्था में सुधार और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का समाधान नहीं करती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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