Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Dec, 2025 12:30 PM

इंडिगो एयरलाइंस की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के निवेशकों के लिए सोमवार, 8 दिसंबर की सुबह काफी भारी रही। बाजार खुलते ही कंपनी के शेयरों में तेज दबाव देखा गया और BSE पर स्टॉक लगभग 7% गिरकर 5,015 रुपए के इंट्राडे लो पर पहुंच गया। शुक्रवा
बिजनेस डेस्कः इंडिगो एयरलाइंस की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के निवेशकों के लिए सोमवार, 8 दिसंबर की सुबह काफी भारी रही। बाजार खुलते ही कंपनी के शेयरों में तेज दबाव देखा गया और BSE पर स्टॉक लगभग 7% गिरकर 5,015 रुपए के इंट्राडे लो पर पहुंच गया। शुक्रवार को कंपनी का मार्केट कैप 2,07,649.40 करोड़ रुपए था, जो सोमवार सुबह के कारोबार में घटकर 1,93,875.18 करोड़ रुपए रह गया। इस तरह कंपनी को एक ही दिन में 13,774.22 करोड़ रुपए का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
DGCA की सख्ती के बाद बढ़ा दबाव
शेयरों में यह गिरावट तब सामने आई जब एविएशन रेगुलेटर DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस के जवाब की समयसीमा एक दिन बढ़ा दी। नोटिस में एयरलाइन से पूछा गया कि देशभर में हजारों यात्रियों को प्रभावित करने वाली भारी उड़ान रद्दीकरण और देरी को रोकने में कंपनी क्यों विफल रही। सबसे बड़ा संकट उस दिन सामने आया जब इंडिगो ने एक ही दिन में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं, जो भारतीय एविएशन इतिहास में किसी भी एयरलाइन द्वारा एक दिन में सबसे ज्यादा कैंसिलेशन हैं।
DGCA के अनुसार पूरा मुद्दा पायलटों के लिए नए बनाए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में इंडिगो की कमजोर तैयारी से पैदा हुआ।
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नए FDTL नियमों से बढ़ी चुनौती
इन नियमों में शामिल है....
- रात की ड्यूटी का समय बढ़ाना
- रात में होने वाली लैंडिंग की संख्या घटाना
- पायलटों को अतिरिक्त आराम देना
DGCA का कहना है कि इंडिगो इन बदलावों के अनुरूप अपनी प्लानिंग और तैयारी नहीं कर पाई, जिससे पूरे नेटवर्क में अव्यवस्था और बड़े पैमाने पर देरी हुई।
रेगुलेटर की चेतावनी: “अब और समय नहीं मिलेगा”
DGCA ने CEO एल्बर्स को पहले 24 घंटे में जवाब देने को कहा था, जिसे अब एक दिन की राहत देते हुए बढ़ा दिया गया है लेकिन रेगुलेटर ने साफ चेतावनी दी है कि सोमवार शाम 6 बजे के बाद कोई भी एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा। अगर समय पर जवाब नहीं दिया गया, तो DGCA एकतरफा कार्रवाई कर सकती है। एयरलाइन के अकाउंटेबल मैनेजर को भी अलग से नोटिस भेजा गया है, जिससे मामले की गंभीरता झलकती है।
इंडिगो का दावा—10 दिसंबर तक स्थिति सामान्य
उधर, इंडिगो ने कहा कि हालात तेजी से सुधर रहे हैं और एयरलाइन का फ्लाइट नेटवर्क 10 दिसंबर तक स्थिर हो जाएगा, जो पहले तय 15 दिसंबर की समयसीमा से काफी पहले है। ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) भी पिछले दिनों के मुकाबले सुधार हुआ है। जहां एक दिन पहले केवल 30% उड़ानें समय पर थीं, वहीं अब यह अनुपात बढ़कर लगभग 75% हो गया है। एयरलाइन ने यात्रियों से माफी मांगी और कहा कि ऑपरेशंस पूरी तरह सामान्य करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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निवेशकों की चिंता बढ़ी, शेयर पर दबाव जारी
DGCA की कार्रवाई, ऑपरेशनल गड़बड़ियां और बड़े पैमाने पर कैंसलेशन ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक फ्लाइट ऑपरेशन पूरी तरह पटरी पर नहीं आते और DGCA का मामला शांत नहीं होता, तब तक शेयर पर दबाव बना रह सकता है।