सेबी का अगले तीन से पांच साल में शेयर निवेशकों की संख्या दोगुना करने का लक्ष्य: पांडेय

Edited By Updated: 17 Nov, 2025 06:20 PM

sebi aims to double the number of equity investors next 3 5 years

सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को कहा कि बाजार नियामक अगले तीन से पांच साल में शेयर बाजार निवेशकों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पांडेय ने हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा किए गए एक...

मुंबईः सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को कहा कि बाजार नियामक अगले तीन से पांच साल में शेयर बाजार निवेशकों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पांडेय ने हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के निष्कर्षों का हवाला दिया। यह सर्वेक्षण निवेश के प्रति उत्सुकता को दर्शाता है। सर्वेक्षण में 20 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि वे किसी-न-किसी माध्यम से प्रतिभूति बाजार में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। 

यह पूछे जाने पर कि अगले तीन से पांच वर्षों में उन्हें किस बात से खुशी होगी, पांडेय ने कहा, ‘‘हम निवेशकों की संख्या को दोगुना करने की उम्मीद कर रहे हैं। अगर हम 10 करोड़ और निवेशक जोड़ दें तो यह कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक होगा।'' भारत में विशिष्ट निवेशकों की कुल संख्या अक्टूबर तक 12.2 करोड़ थी और 2020 में कोविड महामारी के उभरने के बाद से यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। पांडेय ने उद्योग मंडल सीआईआई वित्त पोषण शिखर सम्मेलन में कहा कि पूंजी बाजार परिवेश में यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाली प्रतिभूति आएं जो निवेशकों का ध्यान आकर्षित करें। उन्होंने कहा कि भारत की कहानी ‘कोई बुलबुले जैसी नहीं' है। निवेशकों की रुचि उच्च आर्थिक वृद्धि, सरकार द्वारा किए गए सुधारों और निवेश और कारोबार सुगमता जैसे पहलुओं से प्रेरित है। 

सेबी प्रमुख ने कहा, ‘‘घरेलू निवेशक आने वाले झटकों के खिलाफ ढाल बनेंगे।'' पांडेय ने कहा कि सेबी का एजेंडा नए नियम जोड़ना नहीं है, बल्कि एक बेहतर नियम पुस्तिका तैयार करना है जो समझने में आसान हो। जिन जोखिमों का समाधान करना है उनके अनुपात में हो और नवाचार का समर्थन करे। उन्होंने कहा कि बाजारों में परिपक्वता और लोगों के विश्वास के कई संकेत मिले हैं और इस संदर्भ में उन्होंने कुछ आंकड़े भी दिए। पांडेय ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में, इक्विटी पूंजी 2.5 लाख करोड़ रुपए को पार कर गई, जबकि कॉरपोरेट बॉन्ड सात महीनों में लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गए...। ये जनता के इस विश्वास को दर्शाते हैं कि सार्वजनिक बाजार दीर्घकालिक वित्तपोषण आवश्यकताओं को कुशलतापूर्वक और विश्वसनीय रूप से पूरा कर सकते हैं।''  

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