बजट से स्पोर्टस इंडस्ट्री की उम्मीदें तैयार खेल सामग्री पर बढ़े ड्यूटी

Edited By Updated: 24 Feb, 2016 02:24 PM

sports industries expectations from the budget increased duty on ready sports goods

पंजाब केसरी की बजट से उम्मीदें श्रृंखला में आज हम आपको खेल सामग्री निर्माताओं की बजट से उम्मीदों के प्रति अवगत करवाएंगे।

जालंधर : पंजाब केसरी की बजट से उम्मीदें श्रृंखला में आज हम आपको खेल सामग्री निर्माताओं की बजट से उम्मीदों के प्रति अवगत करवाएंगे।  जालंधर जो कि स्पोर्टस गुड्स के शहर के नाम से भी जाना जाता है, के खेलों की सामग्री बनाने वाले उद्योगपतियों से बात कर यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर वे बजट से क्या चाहते हैं। 

 
आयकर छूट की सीमा 5 लाख हो : रविंद्र धीर 
 
इस बजट में सबसे पहले आयकर छूट की सीमा बढ़ा कर 5 लाख रुपए की जानी चाहिए। राज्यसभा में नेता विपक्ष रहते हुए वित्त मंत्री अरुण जेतली खुद कई बार ऐसा करने की वकालत कर चुके हैं लेकिन अब जेतली खुद वित्त मंत्री हैं, लिहाजा उनके पास ऐसा करने का सुनहरा अवसर है। बजट में वह आयकर छूट की सीमा 5 लाख कर आम जनता को राहत दे सकते हैं।
 
रिसर्च और डिवैल्पमैंट सैंटर बनाया जाए : विपन परिंजा 
 
जालंधर में खेल उद्योग आजादी के बाद से स्थापित हुआ है और हम आज भी पुरानी तकनीक के सहारे खेल सामग्री तैयार करने को मजबूर हैं। जालंधर में स्पोर्टस इंडस्ट्री के लिए रिसर्च और डिवैल्पमैंट सैंटर नहीं है।
 
हालांकि मेरठ में ऐसा केंद्र है लेकिन जालंधर खेल सामग्री का पुराना निर्माता होने के कारण यहां भी ऐसा एक केंद्र होना चाहिए और यदि बजट में इसका ऐलान होता है तो जालंधर के खेल सामग्री उद्यमी भी विकसित तकनीक से खेलों की अच्छी सामग्री तैयार कर सकेंगे जिससे इंडस्ट्री और देश दोनों को फायदा होगा। 
 
कच्चे माल पर आयात शुल्क कम हो : संजय शर्मा 
 
एक निर्यातक होने के नाते हमें बहुत सारा कच्चा माल आयात भी करना पड़ता है और कच्चे माल पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। करीब इतनी ही ड्यूटी तैयार माल पर लगती है, लिहाजा लोग अब देश में सामग्री तैयार करने की बजाय बनी-बनाई सामग्री को आयात करने को वरीयता देने लगे हैं।
 
जालंधर खेल सामग्री के निर्माण हब की जगह ट्रेड हब में बदल रहा है। बजट में कच्चे माल पर आयात शुल्क कम किया जाए और तैयार माल पर ड्यूटी बढ़े तो स्थानीय उद्योग को थोड़ी राहत और लोगों को रोजगार मिलेगा। 
 
नए स्टेडियम बनाए जाएं : संदीप गांधी 
 
हम हर बार बजट में यह सुनते हैं कि सरकार ने देश में नए आई.आई.एम. या आई.आई.टी. के निर्माण की घोषणा की है, यह अच्छी बात है लेकिन हमने देश के किसी वित्त मंत्री को नए खेल मैदान बनाने की घोषणा करते नहीं सुना। देश में नए खेल मैदान ही नहीं बनेंगे तो देश के बच्चे खेलेंगे कहां और मैडल कैसे लाएंगे।
 
खेल मैदान बनेंगे तो इससे इंडस्ट्री को भी लाभ होगा और सामान की खपत भी बढ़ेगी। वित्त मंत्री को लीक से हट कर खेलों के आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए फंड की घोषणा करनी चाहिए ताकि देश में खेलों की संस्कृति बने।

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