वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ 20,000 करोड़ रुपए का रेट्रो टैक्स केस जीता, जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2020 07:36 PM

vodafone wins rs 20 000 crore retro tax case against the indian government

टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने 20,000 करोड़ के टैक्स विवाद मामले में भारत सरकार को हराकर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केस जीत लिया है। कंपनी की ओर से शुक्रवार को बताया गया कि उसे सिंगापुर के एक इंटरनेशनल कोर्ट में 12,000 करोड़

बिजनेस डेस्कः टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने 20,000 करोड़ के टैक्स विवाद मामले में भारत सरकार को हराकर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केस जीत लिया है। कंपनी की ओर से शुक्रवार को बताया गया कि उसे सिंगापुर के एक इंटरनेशनल कोर्ट में 12,000 करोड़ बकाए और 7,900 करोड़ जुर्माने वाले एक अहम केस में भारत सरकार के खिलाफ जीत मिली है।

वोडाफोन ने 2016 में भारत सरकार के खिलाफ सिंगापुर के इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर यानी अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता अधिकरण के पास याचिका दाखिल की थी। यह विवाद लाइसेंस फीस और एयरवेव्स के इस्तेमाल पर रेट्रोएक्टिव टैक्स क्लेम को लेकर शुरू हुआ था। कंपनी के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी Reuters को बताया कि अधिकरण ने अपने फैसले में कहा है कि भारत सरकार की ओर से वोडाफोन पर टैक्स लायबिलिटी यानी कर-देयता थोपना भारत और नेदरलैंड्स के बीच हुए निवेश संधि समझौते का उल्लंघन है।

बता दें कि इसके पहले भारत के टेलीकॉम सेक्टर में टॉप की कंपनी वोडाफोन को एजीआर बकाए में भी सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली थी। कोर्ट ने वोडाफोन को सरकार का बकाया चुकाने के लिए 10 सालों का वक्त दिया है। हालांकि, कंपनी को फिर भी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को अपने एडजस्टेड एजीआर बकाए में से 3-5 फीसदी एयरवेव्स के उपयोग शुल्क के तौर पर और आठ फीसदी लाइसेंस फीस के तौर पर देना है। कंपनी ने एजीआर की परिभाषा को लेकर लंबा विवाद किया है लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष लेते हुए कहा था कि एजीआर में सभी तरह का राजस्व शामिल किया जाएगा।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!