सरपचों के आंदोलन के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला: सरपंच कोटेशन से 5 लाख तक के कार्य करवा सकेंगे

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 15 Mar, 2023 07:08 PM

honorarium increased from 3 to 5 thousand

गांवों में विकास कार्यों के लिए ई-टैंडरिंग के विरोध में सरपंचों के आंदोलन को शांत करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने सरपंचों की कोटेशन के आधार पर विकास कार्य की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की है। साथ ही...

चंडीगढ़,(बंसल): गांवों में विकास कार्यों के लिए ई-टैंडरिंग के विरोध में सरपंचों के आंदोलन को शांत करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने सरपंचों की कोटेशन के आधार पर विकास कार्य की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने सरपंचों का मानदेय 3 से बढ़ाकर 5 हजार व पंचों का भी एक हजार से बढ़ाकर 1600 रुपए करने की घोषणा करते हुए इसको सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर महंगाई भत्ते के साथ जोडऩे की बात कही। भविष्य में सरपंच ग्राम सचिव की वाॢषक गोपनीय रिपोर्ट में अपनी टिप्पणी दर्ज कर सकेंगे। मुख्यमंत्री बुधवार को हरियाणा निवास में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

 

 


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरपंचों से आह्वान किया कि जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता के प्रति अपनी जिम्मेवारी समझें और गांव के विकास कार्य पारदॢशता से करवाएं। उन्होंने कहा कि ई-टैंडरिंग में कोई कठिनाई आएगी तो उसको दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ई-टैंडरिंग से सरपंचों के हाथ मजबूत किए हैं, इससे विकास कार्यों में पारदॢशता आएगी और कार्य शीघ्रता से पूरे होंगे।
 

 

 

विकास कार्यों के प्रस्ताव 31 मार्च से पहले करें अपलोड
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि इस वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही के लिए आबंटित किए गए 1100 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के प्रस्ताव 31 मार्च 2023 से पहले अपलोड कर दें। इनमें     ग्राम पंचायतों को 800 करोड़, ब्लॉक समितियों को 165 करोड़ तथा जिला परिषदों को 110 करोड़ रुपए आबंटित किए गए थे। उन्होंने बताया कि अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 पंचायतों ने विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित कर दिए हैं।  2 लाख से कम राशि के 9418 कार्यों के प्रस्ताव मिल चुके हैं, जबकि 2 लाख से अधिक राशि के 1044 कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति उपरांत अपलोड किए जा चुके हैं।
 

 

 

विकास कार्यों की सोशल-ऑडिट के लिए ग्राम स्तर पर मौजिज लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों की सोशल-ऑडिट के लिए ग्राम स्तर पर मौजिज लोगों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो गांव में होने वाले विकास कार्यों पर नजर रखेगी। विकास एवं पंचायत विभाग के लिए अलग से इंजीनियरिंग विंग भी गठित की जाएगी। विकास कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए 6 माह में सोशल ऑडिट सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा ‘गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण’ की स्थापना की जा रही है।  उन्होंने कहा कि विकास कार्य हरियाणा शैड्यूल रेट तथा डी.सी. रेट के अनुसार किए जाते हैं, अगर कोई सरपंच डी.सी. रेट से कम रेट में कार्य करवाना चाहता है तो उसकी सूचना खंड एवं विकास अधिकारी कार्यालय के बाहर चस्पा करनी होगी।
 

 

 

 

सरपंच द्वारा करवाए गए विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पूर्ण जिम्मेदारी सरपंच की होगी 
बड़ी पंचायतें एक वित्तीय वर्ष में कुल 25 लाख रुपए तक की राशि के या राज्य वित्त आयोग के कुल अनुदान राशि के 50 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, के कार्य कोटेशन पर करवा सकेंगी। ई-निविदा के माध्यम से करवाए जाने वाले विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी कर्मचारी जिम्मेदार होंगे। सरपंच द्वारा करवाए गए विकास कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पूर्ण जिम्मेदारी सरपंच की होगी। उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों पर लगाया जा रहा पंचायत कर बकाया राशि सहित 1 अप्रैल, 2023 से पंचायतों को दे दिया जाएगा। इसमें से पंचायतों के लंबित बिजली बिल की कटौती करके हर तिमाही में भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में संपत्ति की बिक्री पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की राशि ग्राम पंचायत को दी जाएगी।
 

 

 

 

पंचायतों के पिछले कार्यकाल के 1100 सरपंचों के खिलाफ जांच चल रही
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन पूर्व सरपंचों ने अपना रिकॉर्ड वर्तमान सरपंच को सुपुर्द नहीं किया है वे इसे तुरंत सौंप दें। पंचायतों के पिछले कार्यकाल के 1100 सरपंचों के खिलाफ जांच चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड नइ देने के पीछे कई पंचायतों द्वारा अजीबो-गरीब तर्क दिए जा रहे हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार की आशंकाओं को नकारा नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास एवं पंचायत विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले में जांच के बाद रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं। अगर जरूरत पड़ी तो इसकी ए.सी.बी. के माध्यम से भी जांच करवाई जा सकती है।
 

 

 

जिला परिषदों की पावर में भी किया इजाफा
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि खेत-खलिहानों के चार कम से कम चौड़े रास्ते जिला परिषदों के माध्यम से पक्के करवाए जाएंगे। जिला परिषद को हरियाणा राज्य कृषि विपण बोर्ड की सड़कों की मरम्मत का कार्य भी सौंपा जाएगा। इसके अलावा, स्वच्छता अभियान के तहत गांवों घर-घर से कूड़ा उठवा कर डिस्पोज करने, स्ट्रीट लाइट, मिड-डे मिल, बस क्यू शैल्टर जैसे कार्य भी दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला परिषदों के लिए अलग से कार्यालय बनाए जाएंगे। जिसमें जिला परिषद के सी.ई.ओ. के अलावा जिला परिषद चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा अन्य स्टाफ के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। जिसे जिला परिषद सचिवालय का नाम दिया जाएगा। इस समय हरियाणा के ज्यादातर जिलों में दूसरे सरकारी कार्यालयों के साथ चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला परिषदों तथा पंचायती राज संस्थाओं की स्वायत्तता के लिए कई योजनाओं को लागू किया जाएगा जिसके लिए हरियाणा का एक दल जल्द ही कर्नाटक का दौरा करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदों में अब सी.ई.ओ. व चेयरमैन हर माह बैठकों का आयोजन करेंगे। तीन माह बाद एक संयुक्त बैठक होगी। जिसमें विकास कार्यों पर अंतिम मोहर लगाई जाएगी। इसके अलावा खेत-खलिहान योजना भी अब जिला परिषदों के माध्यम से चलाई जाएगी। 

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