Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Oct, 2025 05:47 PM

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पिछले 35 घंटों से सूरज की कोई झलक नहीं मिली है। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का असर जिले में साफ नजर आ रहा है। आकाश में घने बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश हो रही है। हवा की रफ्तार 18 किलोमीटर प्रति...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पिछले 35 घंटों से सूरज की कोई झलक नहीं मिली है। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का असर जिले में साफ नजर आ रहा है। आकाश में घने बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश हो रही है। हवा की रफ्तार 18 किलोमीटर प्रति घंटे रही। मौसम विभाग ने 31 अक्टूबर को भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे लोगों को ठंड का अहसास बढ़ गया है।
पिछले चार दिनों में तापमान में करीब चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार रात को भी कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे लोग कंबल और गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे।
बारिश का सबसे बड़ा असर कृषि पर पड़ा है। धान की फसल अधिकतर जगहों पर गिर गई है। असमय हुई इस बारिश से किसानों के चेहरे पर चिंता साफ नजर आ रही है। लगभग पांच फीसदी किसान अपनी तैयार धान की फसल की कटाई शुरू भी कर चुके थे, जो अब खराब हो गई है।
किसान का कहना है कि कटाई के बाद पड़ी फसल बारिश में सड़ रही है। केवल धान ही नहीं बल्कि आलू, लहसुन और धनिया की फसलें भी खराब हो गई हैं, जिससे उनकी पूरी लागत डूब गई है। रितेश मौर्या ने कहा कि धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन कुछ अंकुरित फसलों को मौसम से थोड़ी राहत मिली है। उनका कहना है कि यदि अगले दो-तीन दिनों तक बारिश और ठंड का यह मिजाज बना रहा, तो आलू उगाने वाले किसानों को और भी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इस बार मौसम ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, 31 अक्टूबर को जिले में मध्यम बारिश होने की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा।