यह मंत्र खोल देगा किस्मत के द्वार

Edited By Updated: 22 Jun, 2015 04:10 PM

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पुराण प्रसंग उजागर करते हैं कि भक्ति से प्रसन्न भगवान शिव ने अपने भक्तों पर स्नेह लुटाते हुए कई अनूठे स्वरूप, गुणों और शक्तियों को प्रकट किया....

पुराण प्रसंग उजागर करते हैं कि भक्ति से प्रसन्न भगवान शिव ने अपने भक्तों पर स्नेह लुटाते हुए कई अनूठे स्वरूप, गुणों और शक्तियों को प्रकट किया । फिर वह भक्त देव हो या दानव । इन लीलाओं से भगवान शिव कई नामों से स्मरण किए जाते हैं । शिव का साकार रूप सदाशिव नाम से प्रसिद्ध है । शास्त्रों में शिवशंकर की अष्टमूर्ति पूजा का भी महत्व बताया गया है ।

यह अष्टमूर्ति है - शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव, जो क्रम से पृथ्वी, जल, अग्रि, वायु, आकाश, क्षेत्रज्ञ, सूर्य और चन्द्र रूप में स्थित मूर्ति मानी गई है । सोमवार को शिवलिंग के अभिषेक दूध, दही, शर्करा, घी और शहद से बने पंचामृत से करना चाहिए । तत्पश्चात अष्टमूर्ति पूजन करना चाहिए ।

इससे भक्तों पर शिव कृपा बनी रहती है । अष्टमूर्ति में सभी देवी देवताओं के साथ ही प्रकृति की उपासना भी निहित है । शिव की अष्टमूर्ति उपासना से अन्नापूर्णा की कृपा भी स्वत: प्राप्त हो जाती है । शिव की अष्टमूर्ति उपासना से घर सुख संपन्नता के साथ ही धन धान से भी परिपूर्ण रहता है ।

पूजन सामग्री में चंदन, कमल गट्टे, काले तिल, साठी के चावल, धूप, जौ, बेल पत्र, भांग, धतूरा, मंदार पुष्प, समी पत्र, अर्पण करें । इसके बाद आरती करें । अंत में बर्फी या खीर का भोग लगाकर क्षमा याचना करें तथा चंदन की माला से इस मंत्र का यथा संभव जाप करें। 
मंत्र: ॐ साम्ब सदा शिवाय नमः 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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