Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Nov, 2023 09:39 AM
23 नवंबर, कार्तिक शुक्ल एकादशी से भीष्म पंचक व्रत का आरंभ हो रहा है। ये व्रत 5 दिन तक चलेगा। 27 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन इसका विश्राम होगा। 5 दिनों के इस व्रत को विष्णु पंचक व्रत भी कहते हैं।
Bhishma Panchak Vrat 2023: 23 नवंबर, कार्तिक शुक्ल एकादशी से भीष्म पंचक व्रत का आरंभ हो रहा है। ये व्रत 5 दिन तक चलेगा। 27 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन इसका विश्राम होगा। 5 दिनों के इस व्रत को विष्णु पंचक व्रत भी कहते हैं। कार्तिक माह के ये अंतिम पांच दिन होते हैं, जब श्री हरि की विशेष पूजा करने का विधान है।
Bhishma Panchak vrat katha: शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार, इस व्रत का आरंभ महाभारत काल के दौरान हुआ था। स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने इसे भीष्म पंचक नाम दिया। महाभारत युद्ध के उपरांत जब भीष्म शरशैय्या पर सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा में अपनी मृत्यु की घड़ियां गिन रहे थे, तब श्रीकृष्ण ने पांडवों को उनसे ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा। पांच दिन तक भीष्म ने धर्म, कर्म, नीति, राजनीति और मोक्ष पर उन्हें उपदेश दिया।
Bhishma Panchak upay: आज कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन भीष्म के नाम से तर्पण अवश्य करें। जब पितामह भीष्म शरशैय्या पर मृत्यु की प्रतीक्षा में थे तो उन्होंने अर्जुन से पीने के लिए पानी मांगा। तब अर्जुन ने अपने बाण से पितामह की माता देवी गंगा की धारा प्रवाहित की, जो सीधे भीष्म के मुंह में गई और वे तृप्त हुए।
Vishnu Panchaka: संसार का हर सुख देंगे ये 5 दिन,गरुड़ पुराण के अनुसार 5 दिन तक करें ये काम-
पहले दिन- श्री हरि के चरणों में कमल के फूल चढ़ाएं।
दूसरे दिन- श्री हरि की जंघाओं पर बिल्व पत्र चढ़ाएं।
तीसरे दिन- श्री हरि की नाभि पर इत्र अर्पित करें।
चौथे दिन- श्री हरि के कंधे पर जवा कुसुम फूल अर्पित करें।
पांचवे दिन- श्री हरि को मालती के फूल अर्पित करें।