Edited By Jyoti,Updated: 16 Jun, 2020 12:53 PM
हर दंपत्ति की यही इच्छा होती है कि उनका जीवन खुशहाल बीते। मगर वो कहते हैं किसी भी चीज़ की केवल इच्छा करने से वो चीज़ हासिल नहीं होती। उसके लिए प्रयोस करने पड़ते, किंतु आज के समय की बात करें तो लोग शादी तो कर लेते हैं लेकिन उसे सफल व खुशनुमा बनाने के...
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हर दंपत्ति की यही इच्छा होती है कि उनका जीवन खुशहाल बीते। मगर वो कहते हैं किसी भी चीज़ की केवल इच्छा करने से वो चीज़ हासिल नहीं होती। उसके लिए प्रयोस करने पड़ते, किंतु आज के समय की बात करें तो लोग शादी तो कर लेते हैं लेकिन उसे सफल व खुशनुमा बनाने के लिए करते कुछ नहीं है। और फिर दोष देेते हैं अपनी किस्मत को। असल में दोष उनका होता है। ऐसे में एक सवाल हर किसी के मन में आता है कि आखिर शादीशुदा जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए। दरअसल आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में इस बारे में खास जानकारी दी है। चाणक्य कहते हैं कि वैवाहिक जीवन की सफलता पति और पत्नी दोनों पर निर्भर करती, परंतु कई बार दोनों में आपसी तालमेल की कमी के कारण उनका रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है। इसलिए हर व्यक्ति को शादी से पहले ही अपने होने वाले जीवनसाथी से जुड़ी कुछ बातों को जान लेना चाहिेए।
तो अगर आप चाहते हैं कि आपकी शादी भी सफल और खुशियों से भरी हों तो आज भी विश्व भर में अपने ज्ञान के लिए जाने जाते कूटनीतिज्ञ तथा राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की इन बातों के बारेे में जानिए जिसमें उन्होंने गृहस्थ जीवन को खुशहाल करने के सबसे सरल तरीके बताए हैं।
चाणक्य नीति श्लोक-
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले..।।
बाहरी सुंदरता नहीं, अंदुरनी संदुरता को बनाएं प्राथमिकता-
हर व्यक्ति को इस बात ध्यान रखें कि जीवनसाथी चुनते समय उसके चेहरे की खूबसूरती को प्राथमिकता न दें। क्योंकि ज़रूरी नहीं है तो इंसान बाहर से खूबसूरत दिखता हो वो अंदर से भी अच्छा होगा। चाणक्य कहते हैं कि अक्सर सुंदरता देखकर शादी करने वाले लोग आगे चलकर मुसीबत में फंसते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे लड़का हो या लड़की, शादी के लिए जीवनसाथी का चयन मन और विचारों को परखकर करना चाहिए।
अपनाएं धैर्यवान का गुण-
चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति धीरजता रखता है यानि धैर्यवान होता है वो जीवन की कठिन से कठिन परिस्थिति को संभाल लेता है। इतना ही नहीं धैर्यवान व्यक्ति विकट परिस्थितियों को ठीक करने का सामर्थ्य रखता है। इसलिए जीवनसाथी को चुनने से पहले इस बात की ओर खास ध्यान दें कि उसमें धीरज है या नहीं। इसके अलावा संस्कारवान होना भी अधिक आवश्यक माना जाता है।
गुस्सैल व्यक्ति न बनें-
ऐसे व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के रूप में कभी न चुनें, जिसका स्वभाव गुस्सैल हो। क्योंकि गुस्सा से भरा हुआ व्यक्ति अपने आसपास मौज़ूूद खुशियों को नजऱअंदाज कर देता है। चाणक्य कहते हैं कि अगर आप किसी क्रोध से भरे हुए इंसान के साथ परिणय सूत्र में बंधते हैं को अपने लिए खुशहाल जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है।